नई दिल्ली॥ जम्मू में लगभग 200 आतंकियों की मौजूदगी सुरक्षा बलों के लिए चुनौती बनी हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के पहले घाटी में कोई बड़ी आतंकी हरकत न हो, इसके लिए सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। कश्मीर में सख्ती के कारण एजेसियों ने यह आशंका भी जताई है कि कुछ आतंकी छिपने के लिए हो सकता है कि देश के दूसरे राज्यों में भाग गए हों।
गृह मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक, इस तरह की रिपोर्ट मिली है कि घाटी में अभी भी लगभग 200 आतंकी मौजूद हैं, लेकिन सुरक्षा बलों की सख्ती की वजह से हमला करने का इनका मंसूबा पूरा नहीं हो पा रहा है। एक अफसर ने कहा कि हम एजेंसियों की रिपोर्ट के चलते ही कश्मीर में अभी भी पूरी सावधानी बरत रहे हैं। इंटरनेट पर प्रतिबंध पूरी तरह से नहीं हटाना भी इसी रणनीति का हिस्सा है।
अफसर ने कहा, घाटी में आतंकियों के विरूद्ध ऑपरेशन के बावजूद नई भर्तियों और घुसपैठ के चलते आतंकियों की संख्या कमोबेश 200 से 250 के आसपास बनी रहती है। पाकिस्तान लगातार घुसपैठ करा रहा है। माना जा रहा है कि घाटी में करीब 50 आतंकी विदेशी हैं।
सुरक्षा रणनीति से जुड़े अफसरों ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप की यात्रा के पहले हमने कश्मीर में भी अतिरिक्त सावधानी के निर्देश दिए हैं। सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा बलों से बचने के लिए आतंकी गुटों द्वारा अपनाई जा रही रणनीति पर सुरक्षा बलों की पूरी नजर है। ठंड कम होने के बाद सुरक्षा बलों का ऑपरेशन आतंकियों के विरूद्ध तेज होगा और छिपे हुए आतंकियों को ढेर करने में सुरक्षा बलों को ज्यादा सफलता मिलेगी।