नैनीताल : सरकार की ओर से राज्य के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन से स्वास्थ्य बीमा के लिए हर महीने एक निश्चित धनराशि काट ली जाती है ! इस प्रकार की अनावश्यक कटौती से राज्य सरकार से पेंशन पाने वाले बुजिर्ग परेशां हैं ! इस तरह की जा रही अनिवार्य कटौती के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट को बताया कि वह दीपावली तक अनिवार्य कटौती को बंद करने पर विचार रही है।
सरकार की ओर से यह भी बताया गया कि अनेक विभागों के बीच समन्वय और संतुलन रखने की वजह से तैयारियों के लिए समय चाहिए था। इस पर हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए नवंबर की तिथि नियत की है। पूर्व में कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देशित करते हुए कहा था कि किसी की पेंशन से अनिवार्य कटौती नहीं की जा सकती।
वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। देहरादून निवासी गणपत सिंह बिष्ट और अन्य ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार ने स्वास्थ्य बीमा के नाम पर उनकी अनुमति के बिना 21 दिसंबर 2020 को एक शासनादेश जारी कर उनकी पेंशन से अनिवार्य कटौती एक जनवरी 2021 से शुरू कर दी। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि यह उनकी व्यक्तिगत संपत्ति है। सरकार इस पर इस तरह की कटौती नहीं कर सकती। यह असांविधानिक है।