Up Kiran, Digital Desk: हिमाचल प्रदेश के व्यापारियों के लिए एक बड़ी खबर है, और वे इसे लेकर काफी उम्मीदें पाले बैठे हैं. उन्होंने भारत सरकार से अपील की है कि किन्नौर जिले में शिपकी-ला (Shipki-La) सीमा के रास्ते चीन के साथ बंद पड़े व्यापार को फिर से शुरू किया जाए. 2020 में कोरोना महामारी के कारण यह व्यापार बंद हो गया था. तब से लेकर अब तक, व्यापारियों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है, और वे चाहते हैं कि उनके पारंपरिक व्यापार को दोबारा संजीवनी मिले.
ये व्यापारी शिमला के रामपुर में लगे मशहूर अंतर्राष्ट्रीय लवी व्यापार मेले में अपनी बात रखने आए थे उनका साफ कहना है कि शिपकी-ला के रास्ते व्यापार दोबारा शुरू होने से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी, बल्कि इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे. उनका मानना है कि इससे भारत और चीन, दोनों देशों के व्यापारियों को फायदा होगा
आपको बता दें कि 2020 में कोविड-19 महामारी के बाद यह व्यापार मार्ग बंद कर दिया गया था. किन्नौर के व्यापारी खासतौर पर इस मार्ग को फिर से खुलवाने को लेकर बहुत उत्साहित हैं. एक स्थानीय व्यापारी चंद्र मोहन नेगी का कहना है कि जब चीनी सामान रामपुर में बिकेगा और हिमाचल का सामान तिब्बत के व्यापारियों तक पहुंचेगा, तो ऊनी कपड़े, पाशम (ऊन) और सूखे मेवों जैसी पारंपरिक चीज़ों की बिक्री बढ़ जाएगी. किन्नौर के ही एक और व्यापारी धर्मपाल नेगी ने भी व्यापार फिर से शुरू होने पर दोनों पक्षों के व्यापारियों के लिए लाभ की बात कही है
व्यापारियों के अनुसार, पहले चीन से ऊन, कच्चा रेशम, याक के बाल, चीनी मिट्टी, बोरेक्स, मक्खन, नमक, सिले-सिलाए कपड़े, जूते, रजाई, कंबल, कालीन और स्थानीय हर्बल दवाइयां जैसे कई उत्पाद आयात किए जाते थे. इसके अलावा, घोड़े, बकरी और भेड़ जैसे जानवरों का व्यापार भी होता था, जिन्हें खरीदने के लिए दूर-दूर से लोग आते थे. यह व्यापारिक मार्ग बंद होने से इस ऐतिहासिक मेले की रौनक भी फीकी पड़ने लगी है
इस मामले में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने केंद्र सरकार से बात करने का भरोसा दिया है, और उन्होंने यह भी बताया कि केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल इस विषय पर काम कर रहे हैं. अगस्त 2025 में, चीन ने शिपकी-ला के रास्ते व्यापार फिर से शुरू करने पर सैद्धांतिक सहमति जताई थी. भारत सरकार ने भी हिमाचल प्रदेश के शिपकी-ला, उत्तराखंड के लिपुलेख और सिक्किम के नाथू ला सहित तीन सीमा बिंदुओं से व्यापार फिर से शुरू करने के लिए चीन के साथ चर्चा शुरू कर दी है.
यह देखना बाकी है कि केंद्र सरकार और दोनों देशों के बीच की बातचीत कब रंग लाती है और हिमाचल के इन व्यापारियों की मांग कब पूरी होती है.

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