हिंदुओं को पूजा करने की अनुमति थी, लेकिन टाइटल मुस्लिमों के साथ

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उत्तर प्रदेश ।। अयोध्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कोर्ट को बताया इक़बाल अंसारी के बेटे हाशिम पर हमला हुआ, वह भी इन मामले में याचिकाकर्ता हैं। धवन ने कहा कि अंसारी को पुलिस ने हमलावर से बचाया है। धवन ने कहा कि हम सुरक्षा बढ़ाने की मांग नहीं कर रहे है, जो सुरक्षा मिली हुई उसमे हमला कैसे हुए, किस तरह की सुरक्षा है यह। धवन ने कहा कि इकबाल अंसारी मेरे दरवाजे सभी के लिए खिले हुए है, मेरे वहां सभी का स्वागत होता है।

राजीव धवन ने कहा कि हिंदुओं को पूजा करने की अनुमति दी गई थी,लेकिन टाइटल मुसलमानों के साथ था। हिंदू पूजा करना चाहते थे,मुसलमानों ने उन्हें अनुमति दी लेकिन टाइटल हमेशा मुस्लिमों के साथ था। धवन ने कहा कि मैं पहले ही कह चुका हूं कि देवता के अधिकार सीमित है। 1885 में शेबेट ने दावा दायर किया लेकिन उपाधित्व का दावा नहीं किया गया।

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जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि शेबेट का अधिकार देवता के प्रबंधन के बारे में है, लेकिन देवता का अधिकार अल्पविकसित है। धवन ने कहा कि 1885 में शेबेट ने याचिका दाखिल की लेकिन कब्ज़ा को चुनौती नहीं दी गई। जस्टिस बोबडे ने कहा कि आप कह रहे है कुरानिक कानून मस्जिद पर लागू नहीं होगा।धवन ने कहा कि कुरानिक कानून को भारतीय कानून ने माना है आप कुरानिक कानून की अनदेखी नहीं कर सकते है।

धवन ने कहा कि हम निर्मोही अखाड़ा के शेबेट के अधिकार को नहीं छीन रहे। इस पर जस्टिस भूषण ने धवन से पूछा, इसका मतलब है कि आप स्वीकार कर रहे हैं कि वह बाहरी आंगन में प्रार्थना कर रहे थे। धवन ने कहा कि 1885 में उन्होंने ही अंदरूनी हिस्से पर अधिकार की बात कही और पूजा के अधिकार की बात कही, शेबेटशिप उनकी न्यायिक स्तिथि है।

निर्मोही अखाड़ा, प्रबंधन अधिकारों की मांग कर रहे हैं, वह प्रबंधन अधिकारों के हकदार हैं, लेकिन बाहरी आंगन में क्या था और पूजा कहां की जा रही थी इसका फैसला होना है।वहीं मुस्लिम पक्षकार इक़बाल अंसारी पर हुए हमले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम देख रहे हैं इस मामले में क्या किया जा सकता है। और जो कुछ जरूरी होगा वहां किया जाएगा।

फोटो- फाइल

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