हिंदुस्तान का मजबूत कदम, बुरी तरह चिढ़ा चीन

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बीजिंग॥ हिंदुस्तान और चीन के बीच सरहद विवाद बना हुआ है। दोनों देशों के सरहद पर शुरू से ही सबसे बड़ा मामला कनेक्टिविटी का रहा है। जहां चीन ने बॉर्डर तक अच्छी सड़कें बहुत पहले ही बना ली थीं वहीं बीते कुछ वर्षों में हिंदुस्तान ने भी बॉर्डर पर कनेक्टिविटी बढ़ाने का काम तेजी से किया है।

हिंदुस्तान-चीन के बीच ईस्टर्न लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चल रहे तनाव और चीन की खीझ के पीछे एक महत्वपूर्ण वजह ये भी है। इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर होने से चीन एलएसी में कई जगह पट्रोलिंग के लिए आराम से पहुंच जाता था जबकि हिंदुस्तान के सैनिकों को पैदल चलकर जाने में बहुत समय लग जाता था। अब कई जगह ये समीकरण बदल गया है।

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बीते कुछ वर्षों में हिंदुस्तान-चीन सरहद पर 61 सड़कें बनाने का काम शुरू किया गया जो सामरिक दृष्टि से काफी अहम हैं। जिसमें 75 पर्सेंट काम पूरा हुआ है और 98 फीसदी कनेक्टिविटी हो गई है। रक्षा मंत्रालय ने मार्च में संसद की रक्षा मामलों की स्थाई समिति को बताया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 1064 किलोमीटर की 12 सड़कें बन रही हैं जिनमें से 878 किलोमीटर का कार्य पूरा हो गया है।

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