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मध्य अमेरिका के सबसे छोटे और ज्यादा जनसंख्या वाले अल साल्वाडोर में भारत के पर्यटकों के साथ सौतेली मां जैसा व्यवहार किया जा रहा है। यहां भारतीयों को रहने के लिए मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है।

यह लोकप्रिय पर्यटन देश उत्तर पश्चिम में ग्वाटेमाला, उत्तर पूर्व में होंडुरास और दक्षिण में प्रशांत महासागर से घिरा हुआ है। यह फोंसेका की खाड़ी में मौजूद है।

फोन्सेका की खाड़ी पर स्थित, अल साल्वाडोर में कई पर्यटक आकर्षण हैं जो दुनिया भर से भारी तादाद में पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। अक्टूबर की शुरुआत से नया टैक्स वसूला जाना शुरू हो गया है.

आपको बता दें कि भारत समेत 57 अफ्रीकी-एशियाई मुल्कों के पासपोर्ट पर यहां आने वाले लोगों को 1000 डॉलर यानी लगभग 83,000 रुपये से ज्यादा की फीस चुकानी होगी. ये टैक्स सिर्फ भारतीय पासपोर्ट पर ही नहीं बल्कि 50 से ज्यादा अफ्रीकी और एशियाई देशों के पासपोर्ट पर भी लगाया जाता है

जानकारी के अनुसार, अल साल्वाडोर के बंदरगाह प्राधिकरण ने अक्टूबर में अपनी वेबसाइट पर एक बयान में कहा कि देश में आने वालों को एक हजार डॉलर का टैक्स देना होगा। बंदरगाह प्रशासन ने कहा कि पर्यटकों से एकत्र किए गए धन का इस्तेमाल देश के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों को बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा।

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