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Up Kiran, Digital Desk: 10 नवंबर को दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास हुए कार बम विस्फोट ने देश को हिलाकर रख दिया। इस हमले में 15 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी और अब राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने मामले की तहकीकात तेज़ कर दी है। एक बड़ा आतंकी नेटवर्क सामने आ चुका है, जो इस घातक धमाके में शामिल था। एनआईए ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा और शोपियां जिलों में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की और संदिग्ध आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की।

मौलवी इरफान अहमद वागे: कट्टरपंथ की साजिश का मास्टरमाइंड

एनआईए की जाँच में सबसे बड़ा नाम सामने आया है—मौलवी इरफान अहमद वागे। मौलवी वागे, जो कई महीनों से एजेंसी की निगरानी में थे, को अक्टूबर में पुलिस ने गिरफ्तार किया था और फिर एनआईए ने उनकी हिरासत में लेकर जाँच को और आगे बढ़ाया।

अधिकारियों के अनुसार, वागे एक खतरनाक आतंकी नेटवर्क का हिस्सा था, जो खास तौर पर शिक्षित मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करने के प्रयासों में था। अब तक की जाँच में यह भी सामने आया है कि मौलवी वागे इस पूरे साजिश के पीछे के मास्टरमाइंड थे।

जम्मू-कश्मीर में एनआईए की छापेमारी: क्या मिला?

एनआईए की टीमों ने जम्मू-कश्मीर के विभिन्न इलाकों में छापेमारी की। इनमें शोपियां और पुलवामा के कुछ प्रमुख स्थान शामिल थे, जहां से महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं। शोपियां में मौलवी वागे के आवास पर भी छानबीन की गई। इस दौरान, एनआईए ने डॉ. अदील अहमद राठेर की संपत्तियों को भी निशाना बनाया, जिन्हें हाल ही में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया था।

एनआईए की जाँच के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि इस गिरोह में पेशेवर लोग शामिल थे, जिनमें डॉक्टर और अन्य विशेषज्ञ शामिल थे। यह लोग पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के साथ मिलकर इस हमले की साजिश रच रहे थे।

'सफेदपोश' आतंकी नेटवर्क की साजिश का पर्दाफाश

यह गिरोह एक 'सफेदपोश' नेटवर्क था, जो छिपकर काम करता था। इन पेशेवरों ने अपनी विशेषज्ञता का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने में किया। डॉक्टरों समेत कई अन्य पेशेवरों का इस हमले की योजना में हाथ था। एनआईए के मुताबिक, इन लोगों का उद्देश्य केवल दिल्ली के कार बम विस्फोट तक सीमित नहीं था, बल्कि यह लोग आतंकवादी संगठनों के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए खतरनाक गतिविधियों में संलिप्त थे।

विशेष अदालत ने दी 10 दिनों की न्यायिक हिरासत

शनिवार को विशेष अदालत ने मौलवी इरफान, डॉ. अदील अहमद राठर और डॉ. मुज़म्मिल को 10 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इन तीनों पर आतंकवाद से जुड़े गंभीर आरोप लगाए गए हैं। एनआईए अब और अधिक गिरफ्तारियों की संभावना पर काम कर रही है।