कितने देश शामिल होंगे अफगानिस्तान को लेकर दिल्ली में आयोजित सुरक्षा बैठक में

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नई दिल्ली : अफगानिस्तान को लेकर भारत की ओर से आयोजित अपनी तरह की पहली क्षेत्रीय वार्ता में भाग लेने के सात मध्य एशियाई देशों के सुरक्षा सलाहकार मंगलवार को दिल्ली पहुंचे। ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, और तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के अलावा रूस और ईरान भी अफगानिस्तान पर दिल्ली में आज होने वाली इस बैठक में भाग लेंगे। बैठक की अध्यक्षता भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल करेंगे।

इससे पहले ईरान ने इसी तरह के प्रारूप में 2018-2019 में संवादों की मेजबानी की थी। हालांकि, इस बार वार्ता में सात देशों की सबसे अधिक भागीदारी होगी। प्रारूप का पालन करते हुए भारत ने पाकिस्तान और चीन को भी इसमें आमंत्रित किया था। हालांकि, दोनों ने बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है। लेकिन चीन ने कहा है कि वह बहुपक्षीय और द्विपक्षीय स्तरों पर अफगानिस्तान पर भारत के साथ बातचीत के लिए तैयार है। चीन ने ईरान द्वारा आयोजित पिछली बैठकों और हाल ही में ब्रिक्स बैठक में भी भाग लिया था।

अधिकारियों को लगता है कि पाकिस्तान कभी भी अफगानिस्तान की समस्याओं के समाधान का हिस्सा नहीं बनना चाहता है, क्योंकि सभी मानते हैं कि पाकिस्तान ही अफगानिस्तान में समस्या का असल स्रोत है। यह दुनिया से छिपा नहीं है कि पाकिस्तान और उसकी कुख्यात खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) वर्षों से तालिबान में हक्कानी और आईएसआईएस खुरासान का समर्थन देती रही है।

पाकिस्तान पर यह आरोप भी है कि वह अफगानों को मानवीय सहायता के प्रवाह में एक प्रमुख बाधा के रूप में भी उभरा है। भारत अफगानिस्तान को अत्यावश्यक सहायता की आपूर्ति के लिए तैयार है, लेकिन पाकिस्तान लगातार मदद पहुंचाने में बाधा खड़ी कर रहा है। इस प्रारूप में आयोजित किसी भी बैठक में पाकिस्तान शामिल नहीं हुआ और अब उसने भारत के निमंत्रण को भी अस्वीकार कर दिया है।

सूत्रों के अनुसार इस बैठक में भाग लेने वाले सभी देशों के साथ भारत, अफगानिस्तान और उसके आसपास से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद के खतरों पर विस्तार से चर्चा करेगा।

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