उत्तराखंड- होली कैसे खेलें, देव प्रयाग से सटे इन गांवों में नहीं मिल रहा पानी

img

नई टिहरी॥ तीर्थनगरी देवप्रयाग से सटे गांवों में पानी की भारी किल्लत के चलते ग्रामीणों में होली मनाने को लेकर असमंज की स्थिति है। गांववासियों के मुताबिक पीने व रोजमर्रा के कामों के लिए ही पानी नहीं हो मिल पा रहा है तो होली कैसे खेलेंगे।

water problem

तीर्थनगरी से सटे तुणगी व कांडाधार क्षेत्र के कई गांवों में पिछले दस दिनों से ग्रामीण पेयजल की भारी किल्लत का सामना कर रहे हैं। यहां चौबीस घंटे में बमुश्किल बहुत कम मात्रा में आधा घंटे पानी मिल पा रहा है। पीने, नहाने आदि जरूरतों के लिए ग्रामीण को खासी मुश्किल झेलनी पड़ रही है। ऐसे में ग्रामीणों में यहां होली मनाने को लेकर काफी असमंजस है। होली खेलने व रंग छुड़ाने को ही काफी पानी चाहिए।

ग्राम प्रधान अरविंद जियाल जल जीवन मिशन में सही तरीके से लाइनों को नहीं बिछाये जाने को इसका कारण बताते हैं। पूर्व प्रधान कविता देवी कहती हैं कि नई योजना के तहत बने 40 हजार लीटर पानी के टैंक तक पम्पिंग का पर्याप्त पानी नहीं पहुंचने के चलते गांव में पेयजल संकट बना हुआ है।

मालूम हो 2016 में नगर से सटी दस ग्राम पंचायतो की पानी की समस्या को देखते 11 करोड़ रुपये की मुनेठ सजवाण कांडा पम्पिंग योजना का भागीरथी में निर्माण किया गया था। बावजूद इसके इससे जुड़े गांवों में आज भी लोग पानी की समस्या झेलने को मजबूर हैं। तुणगी गांव में स्रोत की योजना सहित पंपिंग योजना से जलापूर्ति होती है।

मगर हर घर नल योजना के बाद यहां घर तो दूर गांव को ही पानी नहीं मिल पा रहा है। तीन किलोमीटर दूर स्रोत से बनी योजना वर्तमान में पानी सूखने से जलापूर्ति करने में सक्षम हो पा रही है। 11करोड़ रुपये मे बनी पेयजल योजना का पानी यहां तक सही तरीके से नहीं पहुंच पा रहा है।

अधिशासी अभियंता जल सस्थान देवप्रयाग नरेशपाल सिंह के अनुसार भागीरथी में डिस्चार्ज कम होने से पंपिंग योजना से जलापूर्ति नहीं हो पायी थी। अब पम्पिंग सामान्य तरीके से हो रही है। यदि किसी गांव में पानी नहीं पहुंच पा रहा है तो इसकी जांच करवाई जा रही है। उन्होंने होली के दिन हर घर को पूरा पानी पहुंचाने का आश्वासन दिया। उधर, पेयजल किल्लत झेल रहे ग्रामीणों का कहना है इस बार वह कोरे रंगों से ही होली मनाने को मजबूर होंगे।

 

Related News