दिल्ली में इंसानियत अभी बाकी है- हिंदू घरों में मुसलमानों को पनाह, मुस्लिम परिवारों ने मंदिर को बचाया

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नई दिल्ली ॥ राजधानी दिल्ली में 3 दिनों की हिन्सा के बाद बुधवार को हुईं छिटपुट घटनाओं को छोड़ दें तो कुल मिलाकर माहौल शांत रहा। तनावपूर्ण शांति के बीच लोग राहत महसूस कर रहे हैं। जहां कुछ उपद्रवी राजधानी को जलाने की कोशिश में लगे थे, वहीं गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल भी गालिब की इस दिल्ली में दिखी।

मुस्लिमों ने मंदिर को बचाया और हिंदुओं ने मुस्लिम परिवारों को अपने घर में शरण दी। लोगों ने गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश की। इसकी एक बानगी पूर्वी दिल्ली के खजूरी खास क्षेत्र में नजर आई। यहां मंगलवार को उन्मादी, हिन्सक और अराजक भीड़ इस मंदिर को तहस-नहस करने के इरादे से आई थी।

ईश्वर व अल्लाह की पाक भूमि पर दंगाई पांव ना रख सके। इसके लिए यहां की मुस्लिम महिलाओं ने मोर्चा संभाला और दंगाइयों के काली करतूतों को नाकाम कर दिया। ताकि विश्वास कायम रहे और क्षेत्र के अमन को उपद्रवी आग ना लगा सके।

मुस्लिम औरतों की मर्दानगी देखकर स्थानीय पुरुष भी आगे आए और दिल्ली ही नहीं पूरे विश्व को ये बताया कि दिल्ली वो नहीं है जिसकी हिंसक और नफरत भरी तस्वीरें बीते दिनों में देखी गई। खजूरी खास के लोगों ने दिखाया कि दिल्ली अमन, तहजीब, भाईचारे और सौहार्द की मिसाल है।

खजूरी खास की तरह उत्तर पूर्वी दिल्ली के मौजपुर में भी मुस्लिम समुदाय के लोग मंदिरों के आगे पहरा देते नजर आए। इलाके में सोमवार और मंगलवार को बहुत हिन्सा देखने को मिली। फिलहाल स्थिति सामान्य है। RAF जवानों ने रात को दो बजे एक-एक गली में जाकर फ्लैग मार्च निकाला। उन्होंने गलियों में पहरा दे रहे लोगों को सुरक्षा को लेकर सुनिश्चित किया और घरों में जाने की हिदायत दी।

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मौजपुर इलाके में भिन्न-भिन्न समुदाय के लोग रहते हैं। रात के दो बजे एक मंदिर के बाहर मुस्लिम समुदाय के लोग पहरा देते दिखाई दिए। लोगों का कहना है कि बाहर से कोई भी शरारती तत्व आकर किसी प्रकार की घटना को अंजाम देकर माहौल ना बिगाड़ सके। इसलिए वे मंदिर के बाहर बैठे कर पहरा दे रहे थे।

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