2 बच्चाें की मां के चरित्र पर शक कर पति ने मांगा तलाक, काेर्ट ने कराया DNA टेस्ट ताे हुआ चौंकाने वाला खुलासा

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नई दिल्ली ।। गवर्नमेंट जॉब के चलते दूसरे शहर में रह रही 2 बच्चों की मां के चरित्र पर संदेह जताते हुए पति ने कोर्ट में तलाक का आवेदन पेश कर दिया। वजह, महिला का तीसरी बार गर्भधारण करना और तीसरी संतान को जन्म देना रहा। इसी को लेकर पति ने तलाक की अर्जी दे डाली।

उसने बताया कि साल भर से पत्नी उसके अलग रह रही है। ऐसे में तीसरी संतान (बेटी) मेरी नहीं हो सकती। महिला ने अदालत के समक्ष आरोपों को नकार दिया। अदालत ने दोनों का DNA टेस्ट कराने की बात कही। इस पर दोनों राजी हो गए।

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DNA जांच रिपोर्ट आई तो महिला के गर्भ में पल रहा बच्चा पति का ही निकला। इस पर अतिरिक्त प्रधान जज हितेंद्र सिंह सिसौदिया ने तलाक का आवेदन खारिज कर दिया। फैमिली कोर्ट में पहुंचे इस मामले में पति ने अदालत के समक्ष लिखित में यह बात स्वीकार की थी कि यदि DNA जांच में पाया जाता है कि गर्भ में पलने वाले बच्चे का पिता वहीं है, तो वह न सिर्फ केस वापस ले लेगा बल्कि पत्नी आऐर बच्ची को भी अपना लेगा।

लेकिन अब वह इन दोनों बातों को माऩने से इंकार कर दिया। खास बात यह है कि इस पूरे मामले में महिला के कई बरस बर्बाद हुए। इस दौरान उसे अपने दोनों बच्चों का लालन-पालन का भार भी उठाना पड़ा और मानसिक उत्पीड़न भी सहनी पड़ी। इसके बाद भी उसका कहना है कि कोर्ट के फैसले के बाद वह रिश्ते को बचाने के लिए एक बार फिर प्रयास करेगी। इसके बाद भी बात नहीं बनी तो फिर मैं उनके विरूद्ध मानहानि का दावा करूंगी।

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