एक मिनट लेट हुई ट्रेन तो सैलरी से कटे 36 रुपये, अब ड्राइवर ने उठाया ये कदम

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जापान। दुनिया भर में अपने सख्त टाइम टेबल को लेकर फेमस जापान में मात्र एक मिनट ट्रेन के लेट होने पर रेलवे कंपनी ने ड्राइवर की सैलरी से 36 रुपए काट लिए थे। रेलवे कंपनी की इस कार्रवाई के खिलाफ ड्राइवर कोर्ट पहुंच गया और रेलवे कंपनी के खिलाफ 14 लाख का जुर्माना ठोंक दिया।

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बता दें कि भारत से उलट जापान में ट्रेनों को समय की पाबंदी के लिए विश्वभर में जाना जाता है। जापान में इसका पालन काफी सख्‍ती से किया जाता है। ताजा मामले में सिर्फ 1 मिनट ट्रेन लेट होने पर रेलवे कंपनी ने कार्रवाई करते हुए ड्राइवर की सैलरी से 36 रुपये काट लिए थे। रेलवे कंपनी के इस फैसले के खिलाफ ट्रेन ड्राइवर ने मुकदमा करके 14,42,857 रुपये का हर्जाना मांगा है। ड्राइवर की पहचान अभी सार्वजनिक नहीं की गई है। जापानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ड्राइवर को सुबह एक खाली ट्रेन को ओकायामा स्‍टेशन पर लेकर जाना था लेकिन वह दूसरे ड्राइवर से टेकओवर लेने के लिए गलत प्‍लेटफॉर्म पर आ गया। थोड़ी देर बाद जब उसे अपनी गलती का अहसास हुआ और वह तुरंत सही प्‍लेटफार्म पर आया।

इसी गलतफहमी की वजह से दोनों ही ड्राइवरों के बीच ट्रांसफर में दो मिनट की देरी हो गई। फिर ट्रेन छूटने में भी एक मिनट की देरी हो गई। ट्रेन डिपो के वेयरहाउस में खड़ी होने में एक मिनट लेट हो गई। ट्रेन में हुई इस देरी की वजह से रेल कंपनी ने शुरू में 85 येन ड्राइवर की सैलरी से काटा और दावा किया कि दो मिनट की देरी के दौरान उसने कोई श्रम नहीं किया। इसके बाद ड्राइवर के लेबर कोर्ट में जाने के बाद कंपनी ने जुर्माने की रकम घटाकर 56 येन यानी करीब 36 रुपये कर दिया, फिर भी ड्राइवर ने इस कटौती को स्‍वीकार नहीं किया।

ड्राइवर ने दलील दी कि लेट होने की वजह से ट्रेन या यात्रियों के टाइमटेबल में कोई वास्‍तविक गड़बड़ी नहीं हुई क्‍योंकि उस समय ट्रेन पूरी तरह से खाली थी। उधर, कंपनी का तर्क है कि उसने ‘काम नहीं तो पैसा नहीं के सिद्धांत’ का पालन किया है। कर्मचारी के देरी से आने या बिना कारण बताए गायब रहने की वजह से सैलरी से पैसा काटा गया है।

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