अगर बैठे-बैठे आपको भी आती हैं नींद तो जाएं सर्तक

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क्या कभी आप अपने डेस्क पर काम करते-करते वहीं सोए हैं, आपको उस वक्त नींद भले ही अच्छी आई हो, लेकिन क्या उसके बाद पीठ दर्द, गर्दन में अकड़न और कंधों में दर्द जैसी दिक्कतों का सामना किया है, अगर हां, तो यह लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहने और न हिलने की वजह से हुआ है। जानवरों की दुनिया में बैठे-बैठे या खड़े-खड़े सो जाना आम बात है, लेकिन इंसानों का शरीर इसके लिए नहीं बना है।

अक्सर हमें अपनी कुर्सी इतनी आरामदायक लगती है, कि हम काम करते-करते उस पर सो जाते हैं। स्कूल में बच्चे अक्सर ऐसे सो जाते हैं, लेकिन ऐसा लगातार करेंगे तो आपकी सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। इस तरह सोने से हमारी पीठ, कमर के साथ शरीर के कई हिस्सों में दर्द शुरू हो सकता है, साथ ही इससे हमारा पॉश्चर भी ख़राब होता है। ।

डीप-वेन थ्रॉम्बोसिस से रहें बच कर-

शरीर के कई हिस्सों में दर्द के अलावा, बैठकर सोने से डीप-वेन थ्रॉम्बोसिस जैसी गंभीर बीमारी का ख़तरा भी बढ़ता है। जो तब होता है जब रक्त का थक्का, जिसे थ्रोम्बस के रूप में भी जाना जाता है, आपके शरीर की एक या अधिक गहरी नसों में, विशेष रूप से पैरों में बनता है। यह बिना किसी हलचल के लंबे समय तक एक ही स्थिति में सोने या बैठने के दौरान सोने का नकारात्मक परिणाम हो सकता है।

अगर इसका समय पर इलाज न कराया जाए, तो इसकी वजह से जान को भी ख़तरा पैदा हो सकता है, कई मामलों में इससे मौत तक हो चुकी है। यह जानलेवा तब हो जाता है, जब खून का थक्का टूट कर फेफड़ों या दिमाग़ तक पहुंच जाता है, जिससे ज़्यादा नुकसान पहुंचता है और अचानक मौत हो जाती है।

इन लक्षणों पर दें ध्यान-

डीप-वेन थ्रॉम्बोसिस के अहम लक्षण

  • टांगों, टखनों या फिर पैर में सूजन और दर्द।
  • सूजन की वजह से त्वचा का गर्म और लाल होना।
  •  अचानक टखने या फिर पैर में दर्द होना

क्या बैठे-बैठे सोने के कोई फायदे भी हो सकते हैं-

अगर आप रेक्लाइनर पर बैठे हैं, तो इस पॉज़ीशन पर सो सकते हैं। हालांकि, इस तरह न ही सोएं तो बेहतर है, जब आप प्रेग्नेंट न हों, क्योंकि प्रेग्नेंसी में महिलाओं के लिए लेटकर सोना कई बार मुश्किल हो जाता है। साथ ही जो लोग स्लीप एपनिया से जूझ रहे हैं, उनके लिए बैठे हुए रेक्लाइनर पर सो जाना फायदेमंद हो सकता है। क्योंकि इस बीमारी में सोते हुए मरीज़ की सांस में बाधा आती है। जो लोग गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल से जुड़ी दिक्कतों से जूझ रहे हैं, अगर वे बैठी हुई पॉज़ीशन पर सोएं तो उन्हें एसिड रीफ्लक्स में आराम मिल सकता है और बेहतर नींद आ सकती है।

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