ऑनलाइन ट्रांसफर कर रहे हैं रुपया तो इन बातों का रखें हमेशा ध्यान, वरना उठाना पड़ सकता है भारी नुकसान

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नई दिल्ली॥ इन दिनों आधे से ज्यादा हिंदुस्तानी धीरे-धीरे डिजिटल पेमेंट को अपनाने लगा है। सरकार भी इसके लिए निरंतर प्रयास कर रही है। भारत के राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के बारे में लोगों को निरंतर जागरूक कर रहा है।

UPI के जरिए यूजर्स रियल टाइम बेसिस पर एक बैंक अकाउंट से दूसरे खाते में आसानी से और तुरंत रुपया भेज सकते है। इसके लिए ग्राहकों को बैंक अकाउंट की डिटेल या बैंक कोड देने की कोई आवश्यकता नहीं है। एक व्यक्ति एक ही ऐप पर कई बैंक खातों का इस्तेमाल कर सकता है। UPI को 2016 में NPCI ने लॉन्च किया था। देस में ये डिजिटल पेमेंट के अन्य तरीकों की तुलना में तेजी से बढ़ा है।

कार्ड नंबर, एक्सपायरी डेट, UPI पिन, ओटीपी समेत किसी के साथ इस तरह की गोपनीय जानकारी शेयर न करें। अगर आपको किसी बैंक या किसी तीसरे पक्ष के मोबाइल ऐप से आधिकारिक प्रतिनिधि होने का नाटक करने वाले किसी व्यक्ति द्वारा इस तरह की सूचना देने के लिए कहा जाता है, तो उन्हें आप आधिकारिक ईमेल भेजने के लिए कहें।

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  • सिर्फ अपने बैंक के आधिकारिक डोमेन या थर्ड पार्टी ऐप के ईमेल का जवाब दें।
  • विभिन्न पेमेंट संबंधी एप्लिकेशन आपको स्पैम नंबर के बारे में चेतावनी देते हैं। अगर आपको किसी अज्ञात खाते से भुगतान का अनुरोध आ रहा है, तो स्पैम चेतावनियों पर नजर रखें।
  • अगर आपको किसी भी संदिग्ध खाते के बारे में पता चलता है तो आप अपने बैंक को इस बारे में बताएं।
  • हमेशा प्रतिष्ठित ऑनलाइन व्यापारियों और बाजार से उत्पाद खरीदें। विश्वसनीय ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिये यह सुनिश्चित रहेगा कि आपके भुगतान सुरक्षित हैं।
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