खाने के बाद एक चम्मच सौंफ का सेवन सेहत के बेहद लाभदायक होता है। हालांकि हम सौंफ अक्सर तभी खाते हैं जब किसी रेस्तरां या फिर ढाबे पर खाना खाते हैं। सौंफ में पौटेशियम और सोडियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। पौटेशियम खून में सोडियम की मात्रा को नियंत्रित करने में मददगार होता है और इसके दुष्प्रभाव से भी हमारा बचाव करता है। इसके साथ ही सौंफ में नाइट्रेट भी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। भारत के कई इलाकों में लोग खाने के बाद सादा या चीनी में लिपटे का सेवन करना पसंद करते है। माना जाता है कि सौंफ के सेवन से पाचन में मदद मिलती है और गैस की समस्या नहीं होती।
सूखे सौंफ का एक बड़ा चम्मच आपको लगभग 2 ग्राम फाइबर प्रदान करता है। वहीं अगर तुलना की जाए तो सौंफ में एक सेब में बराबर यानी 3-4 ग्राम फाइबर पाया जाता है। आहार फाइबर की अनुशंसित दैनिक मात्रा 25-30 ग्राम तक होती है। पेट के फ्लू के मामलों में और दस्त के इलाज में फाइबर काफी मददगार होता है। खाने में फाइबर को शामिल करने से कब्ज और पाचन समेत पेट से जुड़ी अन्य समस्याओं से बचाव होता है
नियमित तौर पर खाने के बाद सौंफ के सेवन से कॉलेस्ट्रोल नियंत्रित रहता है। सौंफ खाने से लीवर और आंखों की रोशनी दुरस्त रहती है। अगर आपको पीरियड्स समय पर नहीं आते हैं तो आप सौंफ का सेवन कर सकते हैं। गुड़ के साथ सौंफ खाने से पीरियड्स समय पर आने लगता है और पेट दर्द भी कम होता है।
चाय पीने के बाद अगर आपको पेट में भारीपन की समस्या आती है और गैस बनती है तो आप अपनी चाय में भी सौंफ डाल सकते हैं।
सौंफ आंतों की मांसपेशियों को भी आराम देने में सहायक होती है। इससे कब्ज की प्राब्लम से भी निजात मिलेगी। पेट और आंतों में सुखदायक मांसपेशियां कब्ज या एसिड रिफ्लक्स से होने वाली गैस से राहत दिलाती है।