पाकिस्तान के नये प्रधानमंत्री शाहबाज ने कहा है, ”नया पाकिस्तान का उदय हुआ है और यह पाकिस्तान कायदे आजम की सिद्धांतों पर फिर से चलेगा।” बिलावल भुट्टो ने भी सदन में अपने भाषण दिया और अपनी मां पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और नाना जुल्फिकार अली भुट्टो के संघर्षों को याद किया।
पाकिस्तान में इसके गठन के बाद 72 साल में पहली बार लोकतांत्रिक तरीके से हुए सत्ता परिवर्तन में इमरान खान की सरकार नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव हार गई। अविश्वास प्रस्ताव पर नाटकीय घटनाक्रम के बाद आखिरकार शनिवार रात 12:30 बजे मतदान शुरू हुआ। रात 1:29 बजे घोषित नतीजों में इसमें प्रस्ताव के पक्ष में 174 वोट पड़े। प्रस्ताव के विपक्ष में कोई मत नहीं पड़ा क्योकि उनकी पार्टी के सभी सांसदों ने मतदान की कार्यवाही का बहिष्कार किया। इसके साथ ही पीएमएलएन के नेता शहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया।
इमरान की पार्टी पीटीआई के सदस्य रहे सदन के अध्यक्ष असद कैसर और उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने भी अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद पीएमएलएन के सांसद अयाज सादिक ने अध्यक्ष की कुर्सी संभाली और उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार मतदान के बाद इमरान को सत्ता से बाहर होने का फैसला सुना दिया। इसके तुरंत बाद इमरान के देश छोड़ने पर भी रोक लगा दी गई।
मतदान से कुछ देर पहले ही इमरान खान ने सदन छोड़ दिया और अपने आवास से भी बाहर चले गये। कहा जा रहा है कि वे वनीगाला स्थित अपने निजी आवास चले गये हैं। उनके साथ उनके कई मंत्री भी उनके साथ चले गये। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार उन्हें रात को ही नजरबंद करने की खबर भी आई। साथ ही गिरफ्तारी की चर्चा भी पाकिस्तान के सियासी गलियारों में जोरों पर है।
शनिवार दिन भर चने हाई वोल्टेज सियासी ड्रामा में उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू कराने के लिए मशक्कत चलती रही। स्थिति यहां तक आ गई कि रात को उच्चतम न्यायालय और इस्लामाबाद उच्च न्यायालय दोनों को खोलना पड़ा। इसके बाद इमरान खान भी सदन में आ गये। हालांकि वे विदेशी साजिश का खुलासा करनेवाली चिट्ठी स्पीकर या शीर्ष अदालत को नहीं दे पाये।
सदन में उनके खिलाफ प्रस्ताव पारित होने के तुरंत बाद ही विपक्ष ने उच्च न्यायालय में इमरान खान, उनके मंत्री फवाद चौधरी के खिलाफ याचिका दायर कर इनके देश छोड़ने पर रोक लगाने की मांग की गई। सदन में शहबाज शरीफ संयुक्त विपक्ष के नेता चुन लिए गए। इसके तुरंत बाद सिंध और केपीके के गर्वनरों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। अपुष्ट सूत्रों से पता चला है कि इमरान खान के खिलाफ नजरबंदी का वारंट भी जारी कर दिया गया है, क्योंकि रविवार को उन्होंने बड़ी रैली का आह्वान किया हुआ है।
इससे पहले, पाकिस्तान में पीएम इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर संसद में बहस रोक दी गई। मतदान के लिए रात 8:30 बजे का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन देर रात तक बहस जारी रही। मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि शनिवार को मतदान नहीं होगा। स्पीकर भी इसके लिए तैयार नहीं है। इमरान के मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि मतदान शनिवार को नहीं हो सकता है। देश में अगर मॉर्शल लॉ लगता है तो इसके लिए विपक्ष जिम्मेदार होगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर ने विपक्षी नेताओं से कहा कि वो इमरान के खिलाफ मतदान नहीं कराएंगे, क्योंकि इमरान खान से उनकी 30 साल पुरानी दोस्ती है। इस बीच इमरान ने अतिरिक्त सुरक्षा मांगी है।
सदन की कार्यवाही शुरू करते हुए स्पीकर ने सबसे पहले विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ से अपनी बात रखने को कहा। जैसे ही शहबाज ने अपनी बात रखनी शुरू की पीटीआई के कुछ सांसद नारेबाजी करने लगे। शहबाज ने कहा कि इमरान के गैरकानूनी काम को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के हिसाब से कार्यवाही होगी। इस बीच, स्पीकर ने विदेशी साजिश के मुद्दे पर बहस करने को कहा। इस पर शहबाज शरीफ भड़क उठे। उन्होंने कहा कि इमरान सरकार के खिलाफ कोई विदेशी साजिश नहीं हो रही है।
पाकिस्तान में सियासी ड्रामा शनिवार की आधी रात तक चलता रहा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर और डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने आधी रात को इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही सुरक्षा के मद्देनजर इस्लामाबाद के सभी रास्ते बंद कर दिये गये। इस बीच यह भी सूचना भी है कि नेशनल असेंबली में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के बीच कहासुनी हो गई।
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