नई दिल्ली॥ नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लेकर हिंदुस्तान में जहां सियासी घमासान मचा है वहीं पाकिस्तान में भी खलबली मच गई है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने अब नागरिकता (संशोधन) बिल को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है।
दरअसल, पाकिस्तान की संसद के निचले सदन नेशनल एसेंबली में हिंदुस्तान के प्रस्तावित नागरिकता संशोधन विधेयक की निंदा की गई और इसके विरूद्ध प्रस्ताव पारित किया गया है। पाकिस्तानी मीडिया मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मोदी सरकार द्वारा लोकसभा में मंजूर कराए गए नागरिकता संशोधन विधेयक का मुद्दा नेशनल एसेंबली में उठा। सदन में इस विधेयक की कड़ी निंदा की गई और इसके विरूद्ध प्रस्ताव पास किया गया।
यह प्रस्ताव मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने सदन में पेश किया। सदन ने सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव के रूप में इसे मंजूर किया। प्रस्ताव में कहा गया है कि हिंदुस्तान सरकार का यह कदम मानवाधिकारों के विरूद्ध है और इस बिल को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।
आपको बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान के पीएम इमरान खान भी इस बिल का विरोध कर चुके हैं। इमरान ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए लिखा था, ‘अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून और पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय समझौतों के सभी मानदंडों का उल्लंघन करने वाले नागरिकता संशोधन विधेयक को हिंदुस्तानी लोकसभा में पास किए जाने की हम कड़ी निंदा करते हैं।
उन्होंने कहा कि यह फासीवादी मोदी सरकार द्वारा प्रचारित आरएसएस के ‘हिंदू राष्ट्र’ की डिजाइन का हिस्सा है। आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन बिल के माध्यम से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से हिंदुस्तान पहुंचे हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों की नागरिकता का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा।