नई दिल्ली। रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 72वें संस्करण को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सबसे बड़ी कमी का भी उल्लेख किया। पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें तमिल भाषा नहीं सीख पाने का अफसोस है। रविवार को उन्होंने कहा कि वे दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा तमिल सीखने के लिए बहुत प्रयास नहीं कर पाये और इस भाषा को नहीं सीख पाए।
अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा तमिल सीखने के लिए बहुत प्रयास नहीं कर पाया। इस भाषा को नहीं सीख पाया। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी सुंदर भाषा है, जो दुनिया भर में लोकप्रिय है। बहुत से लोगों ने मुझे तमिल साहित्य की श्रेष्ठता और इसमें लिखी गई कविताओं की गहराई के बारे में बताया है। लेकिन, मेरी एक कमी यह रही कि मैं तमिल भाषा नहीं सीख पाया।
पीएम मोदी ने हैदराबाद की अपर्णा के एक सवाल का उल्लेख करते हुए कहा कि कभी-कभी बहुत छोटा और साधारण सा सवाल भी मन को झकझोर जाता है। ये सवाल लंबे नहीं होते हैं, बहुत सामान्य होते हैं, फिर भी वे हमें सोचने पर मजबूर कर देते हैं। उन्होंने कहा, “कुछ दिनों पहले हैदराबाद की अपर्णा जी ने मुझसे एक ऐसा ही सवाल पूछा, कि आप इतने साल पीएम रहे, सीएम रहे, क्या आपको लगता है कि कुछ कमी रह गई है?
पीएम मोदी ने कहा, “यह सवाल जितना सहज और सरल था उतना ही मुश्किल भी था। मैंने इस पर विचार किया और खुद से कहा कि मेरी एक कमी यह रही कि मैं दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा तमिल सीखने के लिए बहुत प्रयास नहीं कर पाया, मैं तमिल नहीं सीख पाया।