शाहाबाद में महागठन्धन के रफ्तार को आरा और बड़हरा इन दो नेताओं ने ऐसे NDA की बचाई लाज

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बिहार विधानसभा चुनाव में शाहाबाद की कुल 22 सीटों पर महागठबंधन की तेज रफ्तार को रोकने में आरा और बड़हरा ने कामयाबी हासिल की है। इन दो सीटों पर कमल खिलाने में अमरेंद्र प्रताप सिंह और राघवेन्द्र प्रताप सिंह सफल हो गए है।

Modi and Nitish

शाहाबाद के चार जिलों की 22 सीटो पर महागठबंधन ने बड़ी जीत दर्ज करते हुए इतिहास रच दिया है। महागठबंधन में शामिल भाकपा(माले) को भोजपुर जिले में तरारी और अगिआंव सीट पर जीत मिली ,जबकि रोहतास के काराकाट और बक्सर के डुमरांव में भी भाकपा(माले) ने परचम लहराया है। महागठबंधन में राजद के साथ आने का सबसे अधिक फायदा भाकपा( माले) को मिला है।

महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने भी शाहाबाद में बेहतर प्रदर्शन किया है। कांग्रेस को शाहाबाद में चार सीटों पर विजय मिली है। इनमें बक्सर जिले का शहरी क्षेत्र भी शामिल है। रोहतास के चेनारी सीट पर भी कांग्रेस ने कब्जा जमा लिया है। शाहाबाद के चैनपुर सीट पर बसपा की जीत हुई है। कुल ग्यारह सीटो पर राष्ट्रीय जनता दल लालटेन जलाने में कामयाब रहा है।

शाहाबाद की कुल 22 सीटों पर पर्वतीय इलाकों से चले महागठबंधन के रफ्तार को गंगा किनारे पहुंचते पहुंचते ब्रेक लग गया और आरा और बड़हरा ने महागठबंधन का चक्का पूरी तरह जाम कर दिया। यहां अमरेंद्र प्रताप और राघवेन्द्र प्रताप ने महागठबंधन को शिकस्त देते हुए कमल खिला डाला।

शाहाबाद में महागठबंधन में शामिल दलों की एकता ने उसे बड़ी कामयाबी दिलवाई वही एनडीए के भीतर बगावत ने एनडीए को कई सीटों पर हरा डाला। जनतादल यूनाइटेड का शाहाबाद में पूरी तरह सूपड़ा साफ हो गया है। दिनारा से बिहार सरकार के मंत्री जय कुमार सिंह चुनाव हार गए हैं।

भाजपा और जदयू के बागियों की वजह से एनडीए को शाहाबाद की कई सीटो पर तगड़ा झटका लगा है। भोजपुर जिले के तरारी और शाहपुर में निर्दलीय उम्मीदवार नरेंद्र कुमार पाण्डेय उर्फ सुनील पाण्डेय और शोभा देवी ही दूसरे नम्बर पर रहे जबकि इन सीटों पर भाजपा तीसरे नम्बर पर चली गई। सुनील पाण्डेय को लोजपा से टिकट नही मिलने और यह सीट भाजपा के खाते में चले जाने की वजह से उन्हें निर्दलीय लड़ना पड़ा।लोजपा ने तय किया था कि जहां भाजपा के उम्मीदवार होंगे वहां लोजपा उम्मीदवार नही देगी।ऐसे में टिकट नही मिलने की स्थिति में सुनील पाण्डेय ने लोजपा छोड़ निर्दलीय लड़ने का फैसला किया और दूसरे नम्बर पर आ गए।

भाजपा के कौशल कुमार विद्यार्थी तीसरे नम्बर पर चले गए और उन्हें मात्र 13833 वोटो पर ही सन्तोष करना पड़ा जबकि निर्दलीय सुनील पाण्डेय यहां 62930 मत लेने में कामयाब हो गए।तरारी में जीतने वाले उम्मीदवार भाकपा (माले) के सुदामा प्रसाद को 73945 वोट मिले। यहां अगर उम्मीदवार चयन में सावधानी बरती गई होती तो दोनो सीटें एनडीए को मिल गई होती। शोभा देवी को भाजपा से टिकट नही मिलने की स्थिति में निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ा।

भोजपुर के जगदीशपुर में भी जदयू के बागी श्री भगवान सिंह के लोजपा से लड़ने की वजह से एनडीए उम्मीदवार सुषुमलता को हार का सामना करना पड़ा।यहां बागी ही दूसरे नम्बर पर रहे जबकि एनडीए उम्मीदवार तीसरे नम्बर पर चले गए। दिनारा में भाजपा के राजेन्द्र सिंह को उम्मीदवार नही बनाने का खामियाजा भी एनडीए उम्मीदवार जय कुमार सिंह को उठाना पड़ा और बागी होकर लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले राजेन्द्र सिंह ही दूसरे नम्बर पर आ गए और बिहार सरकार के मंत्री जय कुमार सिंह हार गए।

यहां राजद ने बाजी मार ली। शाहाबाद के चार जिलों भोजपुर, बक्सर,कैमुर और रोहतास में एनडीए के बागियों को लोजपा का साथ मिल गया और बागियों ने एनडीए का कई सीटो पर खेल बिगाड़ दिया।

बहरहाल अब पूरे शाहाबाद में सिर्फ आरा और बड़हरा में ही एनडीए की लाज बच पाई है। आरा से अमरेंद्र प्रताप सिंह को मंत्री बनाने का वादा प्रदेश अध्यक्ष डॉ.संजय जायसवाल ने किया है तो बड़हरा से राघवेन्द्र प्रताप सिंह को मंत्री बनाने का वादा भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह राज्य मंत्री नित्यानन्द राय ने खुले मंच से प्रचार के दौरान किया है।

राघवेन्द्र प्रताप सिंह पूर्व में बिहार सरकार के कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। इस बीच एनडीए की सरकार बनने पर इन दोनों विधायको को मंत्रिमंडल में शामिल करने की जनता की मांग भी उठने लगी है।

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