कोरोना संकटकाल में राज्य की जनता के लिए सीएम गहलोत को सरकार चलाने दीजिए

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शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार
कोरोना महामारी को रोकने के लिए राजस्थान की सरकार ने पिछले महीने से काफी प्रगति की है, एक समय ऐसा था जब राजस्थान में संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी के साथ बढ़ती जा रही थी । तब सीएम अशोक गहलोत और उनके स्वास्थ्य विभाग ने मोर्चा संभालते हुए तेजी दिखाई और बढ़ते आंकड़ों को रोक पाने में बहुत हद तक सफल हो गए थे । कोरोना महामारी के रोकधाम के लिए राजस्थान सरकार के द्वारा उठाए गए कदम की प्रशंसा भी हुई थी, विशेष तौर पर इस महामारी से बुरी तरह चपेट में आए भीलवाड़ा जनपद में त्वरित किए इंतजामों को लेकर राजस्थान सरकार की देश भर में प्रशंसा भी की गई थी । लेकिन पिछले 15 दिनों से राज्य में कामकाज ठप हो गए हैं।

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पहले सचिन पायलट फिर भाजपा केंद्रीय आलाकमान उसके बाद अब केंद्र सरकार के इशारों पर सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबियों और भाई पर छापेमारी की । देश इस समय खतरनाक वायरस से संकटकाल के दौर में गुजर रहा है। ऐसे माहौल में देश की कोई भी राज्य सरकार अगर डिस्टर्ब होती है तो जाहिर है उसका सीधा असर राज्य की जनता पर पड़ेंगे । यहां हम आपको बता दें कि राज्य सत्ता का सियासी नाटक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है । राजस्थान हाईकोर्ट से लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है, दूसरी ओर भाजपा केंद्रीय आलाकमान हर रोज कुछ न कुछ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को डिस्टर्ब करने के लिए नए हथकंडे अपना रहा है ।राजस्थान के सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।

 

प्रवर्तन निदेशालय को इस समय क्यों याद आई सीएम गहलोत के भाई के यहां छापे की?
अगर ठीक है यह मान भी लिया जाए कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई किसी मामले में आरोपित हैं तो सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि ऐसे समय ही प्रवर्तन निदेशालय को उनके यहां छापे मारने की क्यों याद आई ? मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाजपा पर अपनी सरकार गिराने के गंभीर आरोप लगाने के बाद भाजपा का केंद्रीय आलाकमान गहलोत को सबक भी सिखाना चाहता है । पिछले कई दिनों से केंद्र सरकार के इशारों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबियों पर शिकंजा और कसता जा रहा है ।

फर्टिलाइजर घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय बुधवार को सुबह से ही कई जगहों पर छापेमारी की है । ईडी ने सीएम गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत के यहां भी छापेमारी की है । प्रवर्तन निदेशालय ने जोधपुर समेत 6 जगहों, पश्चिम बंगाल में दो जगहों, गुजरात में चार जगहों और दिल्ली में एक जगह पर छापे मारे हैं । अग्रसेन गहलोत की कंपनी अनुपम कृषि पर किसानों के लिए रियायतों दरों में खरीदी उर्वरक को अधिक दामों पर मलेशिया और वियतनाम को बेचने का आरोप है । बीते दिनों ही सीएम अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत का नाम फर्टिलाइजर घोटाले में आया था । तब उस समय प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी क्यों नहीं की ?

कांग्रेस ने कहा, भाजपा राजस्थान सरकार को अस्थिर करने में लगी हुई है–
यहां हम आपको बता दें कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले दिनों भाजपा पर अपनी सरकार पर कार्रवाई को लेकर आशंका जताई थी ।विभिन्न केंद्रीय सरकारी एजेंसियां गहलोत सरकार कांग्रेस नेताओं पर अब तक कार्रवाई कर चुकी है । इनकम टैक्स अफसरों ने कांग्रेस नेता राजीव अरोड़ा, धर्मेंद्र राठौर के ठिकानों पर छापेमारी की थी । उसके बाद सीबीआई ने कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया से दो बार पूछताछ की। उसके बाद मुख्यमंत्री गहलोत के ओएसडी को भी पूछताछ के लिए बुलाया था। उसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने आज सीएम गहलोत के बड़े भाई अग्रसेन गहलोत के फार्मो पर छापेमारी की है।

दूसरी ओर इन छापों पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि भाजपा राजस्थान सरकार को डराने धमकाने के लिए छापे मरवा रही है। सुरजेवाला ने कहा कि पीएम मोदी ने देश में रेड राज पैदा किया हुआ है, इससे राजस्थान डरने वाला नहीं है। प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई की कार्रवाई के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह सब्सिडी की चोरी का एक स्पष्ट मामला है और यह सब 2007 से 2009 के बीच हुआ, जब कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए केंद्र में सत्ता में थी।

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