पड़ोसी मुल्क में ट्रांसजेंडरों के दिन बहुरे, कंपनियों में हो रही है धड़ाधड़ नियुक्तियां, जाने वजह …

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स्पेशल डेस्क। इन दिनों हमारा पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश की तरक्की की राह पर है। इस मुल्क की GDP तेजी से बढ़ रही है। इस मुस्लिम बहुल देश में विकास के साथ कई सामाजिक बदलाव भी नजर आ रहे हैं। सदियों से समाज में उपेक्षित ट्रांसजेंडरों के भी दिन बहुरे हैं। वहां कंपनियां धड़ाधड़ ट्रांसजेंडरों की नियुक्तियां कर रही हैं। इसमें सामाजिक बदलाव के साथ ही बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार की नीतियों का भी बराबर का योगदान है।

शेख हसीना सरकार की नीतियां कंपनियों को ट्रांसजेंडरों को काम पर रखने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। हाल ही में बांग्लादेश के वित्तमंत्री एएचएम मुस्तफा कलाम ने घोषणा की थी कि अगर कोई कंपनी अपने यहां कुल वर्कफोर्स में 10 प्रतिशत ट्रांसजेंडरों को काम पर रखती है तो उसे टैक्स में सीधे पांच फीसदी की छूट मिलेगी या फिर ट्रांसजेंडरों की सैलेरी का लगभग 75 प्रतिशत सरकारी खाते से दिया जाएगा।

बांग्लादेश के वित्तमंत्री की इस घोषणा से कंपनियों को भारी आर्थिक फायदा होने की उम्मीद है। स्थानीय कंपनियों में अब ट्रांसजेंडरों की तादाद में इजाफा हुआ है। पहले उनकी तादाद काफी कम थी। बताते चलें कि साल 2013 में बांग्लादेश में ट्रांसजेंडरों को थर्ड जेंडर के तौर पर कानूनी मान्यता मिली थी। अब सरकार ने उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने की ओर कदम बढ़ाया है।

उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश सरकार ने एक ऐसा कार्यक्रम भी शुरू किया जिसमें ट्रांसजेंडरों को अलग-अलग तरह की ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि उन्हें काम मिल सके। बांग्लादेश में दो लाख से ज्यादा ट्रांसजेंडर हैं, ये वे लोग हैं, जो खुद को इस पहचान में रखते हैं। इससे पहले भारत की तरह यहां भी ट्रांसजेंडरों को भेदभाव का सामना करना पड़ता था। मज़बूरी में ट्रांसजेंडर भीख मांगने या अन्य तरह के गैरकानूनी काम करने पर मजबूर थे। तमाम ट्रांसजेंडर कम उम्र में ही सेक्स ट्रेड में फंस जाते हैं।

 

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