उत्तराखंड। उत्तराखंड में वैसे तो कई मशहूर मंदिर हैं जहां हमेशा भक्तों का तांता लगा रहता है। लेकिन यहां के अल्मोड़ा के कुमाकई क्षेत्र में स्थित गोलू देवता का प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर में लोगों स्टांप पेपर पर लिखकर भगवान के सामने अपनी अर्जी लगते हैं। मान्यता है कि जिसे कहीं से भी न्याय नहीं मिलता उस गोलू देव के मंदिर में जरूर न्याय मिलता है। यही कारण है कि मंदिर में हर रोज सैकड़ों अर्जियां लगती हैं।
दरअसल यह चितई गोलू मंदिर अल्मोड़ा से करीब 14 किलोमीटर दूर पिथौरागढ़ हाईवे पर स्थित है। गोलू देव के मंदिर के पास पहुंचते ही अनोखा दृश्य नजर आने लगता है। मंदिर में प्रवेश करते ही अनगिनत घंटियों की आवाज सुनाई देने लगती हैं। इन घंटियां को देखकर इनकी संख्या का अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। बताया जाता है कि जब लोगों की मनोकामना पूरी हो जाती है तो उनके द्वारा यहां घंटियां चढ़ाई जाती है। गोलू देव को न्याय के देवता के रूप में जाना जाता है।
मान्यता है कि यहां देवता से गुहार लगाने पर किसी भी तरह के अन्याय की स्थिति में भक्त को न्याय हर तरह से मिल ही जाता है। मंदिर के पुजारी हरिदत्त पंत ने बताया कि जो लोग कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाकर निराश हो जाते हैं तो वह गोलू देव के दरबार में न्याय की अर्जी लगते हैं। गोलू देवता उनके मामलों की सुनवाई करते हैं और उन्हें न्याय देते हैं।