ताइवान और भारत के लिए बढ़ा खतरा, रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच चीन ने लिया बड़ा फैसला

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चीन निरंतर अपने रक्षा बजट में इजाफा कर रहा है। रूस-युक्रेन युद्ध के बीच उसने अपने रक्षा बजट को 7.1 % बढ़ाने का निर्णय लिया है। इससे पहले बीते साल चीन ने अपने रक्षा बजट में 6.8 % बढोतरी की थी।

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जिनपिंग सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022 के लिए 17.57 लाख करोड़ रूपए का रक्षा बजट प्रस्तावित किया है। इस ड्राफ्ट बजट तो नेशनल पीपल्स कांग्रेस यानी चीन की संसद के वार्षिक सत्र के दौरान जारी किया गया है। चीन का रक्षा बजट भारत से तीन गुणा ज्यादा है। इस बढ़ोतरी के बाद आशंका जताई जा रही है कि चीन भारत के लिए और खतरे पैदा कर सकता है।

भारत का रक्षा बजट कितना?

रिपोर्ट के मुताबिक इसकी तुलना की जाए तो यह इजाफा भारत के 5.25 लाख करोड़ के रक्षा बजट से तीन गुणा ज्यादा है। चीन ने रक्षा बजट बढ़ाने का फैसला ऐसे वक्त में लिया है जब रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया है। दोनों देशों के बीच जारी युद्ध का आज 12वां दिन है। चीन के प्रधानमंत्री ने संसद में पेश कार्य रिपोर्ट में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की युद्ध तैयारी को वृहद तरीके से मजबूत’ करने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा देश की संप्रभुता, सुरक्षा तथा विकास हितों की रक्षा के लिए चीनी फौज को दृढ़ और लचीले तरीके से सैन्य संघर्ष करने की जरूरत है। रक्षा बजट के अलावा चीन का आंतरिक सुरक्षा बजट अलग है जो अक्सर रक्षा खर्च से अधिक होता है। राष्ट्रपति शी  के 2012 में सत्ता में आने के बाद से बीते वर्षों में रक्षा खर्च बढ़ा है। यूएसए के बाद चीन रक्षा बजट पर खर्च करने के मामले में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है।

ताइवान के लिए खड़ी हुईं मुश्किलें

अमेरिका सहित सभी मुल्कों के विशेषज्ञों ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अब अगला नंबर ताइवान का हो सकता है। चीन कभी भी इस देश पर हमला कर कब्जा कर सकता है। यहां उसने बीते साल से घुसपैठ बढ़ा दी है। यूक्रेन विवाद में अमेरिका बुरी तरह उलझा है। सुपरपावर के सैनिक यूरोप के चप्पे-चप्पे पर तैनात हो रहे हैं।

इरादे साफ है कि यूएस का फोकस ताइवान से शिफ्ट होकर यूक्रेन और रूस पर शिफ्ट हो गया है। चीन को ऐसे ही मौके का इंतजार था। हो सकता है कि चीन ताइवान के विरूद्ध मेगा मिलिट्री ऑपरेशन का ऐलान कर दे। वैसे ताइवान को लेकर ड्रैगन की नजरें हमेशा टेढ़ी रहती है। बीते दिनों यूक्रेन की लड़ाई का फायदा उठाते हुए चीन ने ताइवान में 9 लड़ाकू विमान भेज दिए थे। हालांकि चीन की इस हरकत का ताइवान ने भी तगड़ा जवाब दिया और फौरन उसकी सेना ने चीनी लड़ाकू विमानों को खदेड़ दिया था।

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