इंडो पैसिफिक क्षेत्र के मुद्दे पर दुनिया भर में समझ बढ़ी

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चारो देशों के समूह क्वाड के विदेश मंत्रियों ने इंडो पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे पर चर्चा की। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा- हम एक वाइब्रेंट डेमोक्रेसी हैं। हम इंटरनेशनल नियमों को मानने में यकीन रखते हैं। अपनी सीमा और संप्रभुता का सम्मान भी करते हैं।

Indo Pacific region

इंडो पैसिफिक क्षेत्र के मुद्दे पर दुनिया भर में समझ बढ़ी है। हमारा मानना है कि इस क्षेत्र के सभी देशों की सुरक्षा और उनकी आर्थिक हितों का ध्यान रखा जाए।

चार देशों के विदेश मंत्रियों ने क्वाड देशों की दूसरी बैठक का स्वागत किया। देखा जाए तो दुनिया भर में COVID -19 के प्रकोप और प्रसार के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहली बार मंत्रियों की आमने—सामने बैठक हुई।

COVID-19 की वजह से विभिन्न क्षेत्रों में उभरी चुनौतियों पर चारों विदेश मंत्रियों ने अपने विचार रखें। स्वास्थ्य और स्वच्छता के क्षेत्रों में सहयोग के साथ डिजिटल अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में नए अंतरराष्ट्रीय नियम बनाने पर भी चर्चा हुई।

विदेश मंत्री ने कहा कि हिंद-प्रशांत सिद्धांत को तेजी से व्यापक स्वीकृति मिल रही है। हमारा मकसद इस क्षेत्र में वैध और महत्वपूर्ण हितों वाले सभी देशों की सुरक्षा और आर्थिक हितों को आगे बढ़ाना है।

बैठक में संपर्क और बुनियादी ढांचे के विकास, सुरक्षा, साइबर और समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद सहित क्षेत्र की स्थिरता और समृद्धि जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर मुख्य रूप से चर्चा हुई।

चार मंत्रियों ने उत्तर कोरिया और पूर्व और दक्षिण चीन सागर जैसे क्षेत्रीय मामलों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।

चार मंत्रियों ने इस विदेश मंत्रियों की बैठक को नियमित करने और अगले वर्ष एक उपयुक्त समय पर बैठक आयोजित करने का विचार साझा किया।

चार देशों के समूह- क्‍वाड के विदेश मंत्रियों की बैठक जापान की राजधानी तोक्‍यो में हुई। अमेरिका, जापान, ऑस्‍ट्रेलिया और भारत क्‍वाड समूह में शामिल हैं।

विदेश मंत्री- एस. जयशंकर, अमरीका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो, ऑस्‍ट्रेलिया के विदेश मंत्री मारिज पायने और जापान के विदेश मंत्री तोशीमित्‍सू मोतेगी बैठक में शामिल हुए। यह क्‍वाड विदेश मंत्रियों की दूसरी बैठक है। इससे पहले 2019 में क्‍वाड विदेश मंत्रियों की बैठक संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा से इतर हुई थी।

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