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ind vs pak news: भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट का मुकाबला सिर्फ खेल की सीमा तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह देश की राजनीति और सामाजिक भावनाओं के बीच एक बड़ी बहस का केंद्र बन चुका है। 14 सितंबर को होने वाले एशिया कप के इस हाईवोल्टेज मैच को लेकर जहां खेल जगत पूरी तरह से तैयार है, वहीं राजनीति और आम जनता के बीच एक गहरी खाई दिख रही है।

एशिया कप का मैच और जनता की सोच

दुबई में होने वाले इस मुकाबले के टिकट बिक चुके हैं और दोनों टीमें कड़ी मेहनत कर रही हैं। लेकिन यह मैच अब खेल से कहीं ज्यादा राजनीतिक और भावनात्मक मुद्दा बन चुका है। देश के कई हिस्सों में लोग इस मैच (ind vs pak news) को लेकर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ इसे खेल की जीत मानते हैं तो कई इसे देश की राष्ट्रीय भावनाओं के साथ खिलवाड़ समझते हैं।

राजनीति बनाम खेल: जनता की जुबानी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक पुराने बयान का विपक्ष खूब इस्तेमाल कर रहा है। पीएम ने कहा था कि 'खून और पसीना साथ नहीं बह सकते'। इस बयान को लेकर राजनीतिक दल एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं। विपक्ष का तर्क है कि जब सीमा पर सैनिक शहीद हो रहे हैं, तब क्रिकेट मैच खेलना उचित नहीं। इसके विपरीत सरकार कहती है कि खेल को राजनीति से अलग रखना चाहिए। इस बहस का असर आम जनता के बीच भी साफ दिख रहा है, जहां कई लोग इस मुद्दे पर दो हिस्सों में बंटे हुए हैं।

संसद में भी जारी बहस

सिर्फ मीडिया तक ही नहीं, संसद में भी यह मुद्दा गरमाया (ind vs pak news) हुआ है। विपक्ष के सांसद मैच के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं और इसे देशभक्ति के खिलाफ बता रहे हैं। वहीं सरकार के पक्ष में बोलने वाले सांसद खेल को जोड़ने का पक्ष ले रहे हैं। कई बार सदन की कार्यवाही इस विवाद में फंस गई। विपक्ष का मानना है कि सीमा पर हिंसा के बीच पाकिस्तान को कोई मंच देना देश के लिए गलत है।

प्रियंका चतुर्वेदी का कड़ा विरोध

सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस मैच को लेकर सख्त शब्दों में सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर जैसे सैन्य अभियान के बाद, जब आतंकवाद के खिलाफ देश ने सख्त रुख अपनाया है, तो पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मुकाबला कराना विवादास्पद है। उन्होंने बीसीसीआई से मैच रद्द करने की अपील की, क्योंकि उनका मानना है कि इस मैच से मिलने वाला फायदा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को नुकसान पहुंचाएगा।

क्रिकेटर और उनके विचार

जहां कुछ खिलाड़ी मैच के लिए पूरी तरह तैयार हैं और खेल को राजनीति से अलग मानते हैं, वहीं पूर्व खिलाड़ी भी इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं। पूर्व तेज गेंदबाज अशोक डिंडा और केदार जाधव जैसे क्रिकेटरों ने भी कहा है कि इस समय भारत-पाक मुकाबला खेलना उचित नहीं। उनका कहना है कि एक खिलाड़ी के रूप में खेल का सम्मान है, लेकिन पहले वे एक भारतीय हैं और देश की सुरक्षा और भावना को प्राथमिकता देते हैं।

शहीद परिवारों की प्रतिक्रिया

पहलगाम हमले में शहीद हुए शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशान्या द्विवेदी ने इस मैच का खुलकर विरोध किया है। उनका कहना है कि बीसीसीआई की यह निर्णय प्रक्रिया उन परिवारों की भावनाओं को नजरअंदाज करती है जो आतंकवाद के कारण अपनों को खो चुके हैं। उन्होंने जनता से भी मैच देखने से परहेज करने की अपील की है ताकि देश में एकजुटता बनी रहे।

खेल के नाम पर राजनीति का खेल

भारत-पाक संबंधों (ind vs pak news) में राजनीतिक तनाव के चलते हर बार खेल को भी इसी नजरिए से देखा जाता है। विपक्ष का जोर इस बात पर है कि जब सीमा पर गोलीबारी जारी है तब क्रिकेट खेलना देश के हित में नहीं। सरकार का तर्क है कि खेल को अलग रखा जाना चाहिए, पर ये बहस आम जनता के दिलों में गहरे जख्म छोड़ रही है।