चीन को बड़ी चोट देने जा रहा है भारत, इस देश के साथ करेगा अहम बैठक, जानें पूरा मामला

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भारत और ताइवान के संबंधों में आती नजदीकियों से चीन परेशान होता दिखाई दे रहा है। दोनों देशों के बीच किसी संभावित व्यापार वार्ता पर पहले ही चीन ने अपना विरोध जताना शुरू कर दिया है।

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सूत्रों के मुताबिक चीन के साथ तल्ख होते रिश्तों को देखते हुए भारत अब ताइवान के साथ व्यापार वार्ता शुरू करने पर विचार कर रहा है। ताइवान पहले ही काफी समय से भारत के साथ व्यापार संबंध बढ़ाने के प्रयास कर रहा है। इसी संबंध में एक प्रश्न के उत्तर में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि दुनिया में केवल एक चीन है और ताइवान चीन का एक अटूट हिस्सा है। एक-चीन सिद्धांत को लेकर भारत सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय की एक सर्वसम्मति है। यह चीन के लिए अन्य देशों के साथ संबंध विकसित करने का राजनीतिक आधार भी है।

उन्होंने कहा कि हम चीन और ताइवान के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले देशों के बीच किसी भी आधिकारिक आदान-प्रदान या किसी भी आधिकारिक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने का दृढ़ता से विरोध करते हैं। भारतीय पक्ष को एक-चीन सिद्धांत के प्रति प्रतिबद्ध रहना चाहिए और ताइवान से संबंधित मुद्दों पर विवेकपूर्ण और उचित तरीके से विचार करना चाहिए। इससे पहले भी चीन ताइवान को लेकर भारतीय मीडिया को परामर्श दे चुका है।

दूसरी ओर मालाबार सैन्य अभ्यास में शामिल होने के लिए ऑस्ट्रेलिया को भारत के आमंत्रित करने पर प्रतिक्रिया देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि इन घटनाक्रमों पर ध्यान दिया गया है। चीन ने हमेशा माना है कि देशों के बीच सैन्य सहयोग क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए अनुकूल होना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि चीन की बढ़ती ताकत को देखते हुए अमेरिका की पहल पर भारत, चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने मिलकर एक अनौपचारिक संगठन ‘क्वाड’ बनाया है। इसके विदेश मंत्रियों की हाल ही में जापान में बैठक हुई थी। इसे भारत-प्रशांत क्षेत्र का नाटो कहा जा रहा है। चीन इसका विरोध करता रहा है और भारत अपनी वैश्विक नीति के तहत इसको औपचारिक बनाने से बचता रहा है।

 

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