India-China Relations: चीन ने श्रीलंका भेजे अपने जहाज? भारत के खिलाफ बनाई ये योजना, US भी हुआ चिंतित

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कोलंबो। श्रीलंका के रणनीतिक दक्षिणी बंदरगाह हंबनटोटा में चीनी जहाज की तैनाती पर भारत और अमेरिका ने चिंता जताई है। वहीं इस मुद्दे को लेकर चीन ने अपनी स्थिति को साफ करते हुए कहा कि उसके हाई-टेक अनुसंधान पोत की गतिविधियों की वजह से किसी भी देश की सुरक्षा प्रभावित नहीं होगी। चीन ने यह भी चेतावनी दी कि किसी भी “तीसरे पक्ष” द्वारा इसे “बाधित” नहीं किया जाना चाहिए। (India-China Relations)

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने अपने एक बयान में कहा कि ‘युआन वांग 5’ जहाज ‘श्रीलंका की तरफ से सक्रिय सहयोग’ के साथ हंबनटोटा बंदरगाह पर ‘सफलतापूर्वक’ उतारा गया है। हालांकि, वांग ने श्रीलंका को वित्तीय सहायता देने से संबंधित सवाल को टाल दिया। आपको बता दें कि चीनी ऋण समेत 51 बिलियन अमरीकी डॉलर के विदेशी ऋण ने श्रीलंका को हाल ही में दिवालिया कर दिया है। वहां के लोगों के भूखे मरने की नौबत आ गई है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक बैलेस्टिक मिसाइल एवं उपग्रहों का पता लगाने में सक्षम जहाज ‘युआन वांग 5’ स्थानीय समयानुसार सुबह आठ बजकर 20 मिनट पर दक्षिणी बंदरगाह हंबनटोटा पहुंचा। बताया जा रहा है कि ये 22 अगस्त तक वहीं रुकेगा। गौरतलब है कि हंबनटोटा बंदरगाह को बीजिंग ने साल 2017 में श्रीलंका से कर्ज के बदले में 99 साल के लीज पर ले लिया था। श्रीलंका के बंदरगाह पर पहुंचे इस पोत की प्रौद्योगिकी को लेकर भारत और अमेरिका की चिंताओं का स्पष्ट रूप से जिक्र करते हुए चीनी प्रवक्ता वांग ने कहा, “मैं फिर से जोर देना चाहता हूं कि युआन वांग 5 की समुद्री वैज्ञानिक अनुसंधान गतिविधियां अंतरराष्ट्रीय कानून और अंतरराष्ट्रीय सामान्य प्रक्रिया के अनुरूप हैं।” (India-China Relations)

उन्होंने कहा, “वे किसी भी देश की सुरक्षा और उसके आर्थिक हितों को प्रभावित नहीं करतीं तथा उसे किसी तीसरे पक्ष द्वारा बाधित नहीं किया जाना चाहिए।” चीन की आधिकारिक मीडिया के मुताबिक, चालक दल के 2,000 से अधिक कर्मियों वाले जहाज में उपग्रहों और बैलिस्टिक मिसाइल का पता लगाने की क्षमता है।

हंबनटोटा बंदरगाह पर भारत की नजर

आपको बता दें कि श्रीलंका में स्थित हंबनटोटा बंदरगाह को बड़े पैमाने पर चीन से लिए गए कर्ज से विकसित किया गया है और यह अपने स्थान की वजह से रणनीतिक रूप से बेहद अहम माना जाता है। इधर भारत ने कहा है कि वह अपनी सुरक्षा और आर्थिक हितों को प्रभावित करने वाले किसी भी घटनाक्रम पर करीब से नजर रखता है। वहीं भारत इस आशंका से भी चिंतित है कि जहाज की निगरानी प्रणाली भारतीय प्रतिष्ठानों की जासूसी की कोशिश कर सकती है। (India-China Relations)

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