कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने हिंदुस्तान में सांसदों के कथित क्रिमिनल रिकॉर्ड को लेकर सिंगापुर के पीएम ली सेन (Singapores PM) के बयान पर सिंगापुर के राजदूत को तलब करने के विदेश मंत्रालय के निर्णय पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेसी नेता थरूर ने आज मोदी सरकार के इस कदम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मामले को ज्यादा प्रभावी ढंग से और कम आक्रामक तरीके से संभाला जाना चाहिए था।
तो वहीं घटना के एक दिन बाद थरूर ने इस मामले में ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ‘विदेश मंत्रालय की ओर से सिंगापुर जैसे मित्र देश के उच्चायुक्त को अपने ही संसद में प्रधानमंत्री (Singapores PM) की टिप्पणी के लिए तलब करना अनुचित है। वह एक सामान्य (और शायद सटीक) टिप्पणी कर रहा था। हमें अपने राजनेताओं की बातों को सहन करना भी सीखना चाहिए…’
शशि के मुताबिक, इस प्रकरण को एक बयान के साथ संभालना जाना चाहिए जिसमें कहा जाता ‘हमने प्रधानमंत्री (Singapores PM) की टिप्पणी को सुना है मगर हम दूसरे मुल्कों के आंतरिक मसलों पर और न ही विदेशी संसदों की डिबेट पर टिप्पणी करते हैं और सभी से इस सिद्धांत का पालन करने का आग्रह करते हैं। कहीं ज्यादा प्रभावी और कम आक्रामक।’ संयुक्त राष्ट्र में भी महत्वपूर्ण पद पर रह चुके थरूर ने कहा कि सिंगापुर के प्रधानमंत्री की तरफ से की गई टिप्पणी बहुत हद तक सटीक थी।
ध्यान देने वाली बात है कि विदेश मंत्रालय ने इस बयान को लेकर इंडिया में सिंगापुर के उच्चायुक्त सिमोन वॉग को तलब किया थी और एतराज किया था। सरकार के सूत्रों ने गुरुवार को बताया था, ‘सिंगापुर के प्रधानमंत्री की टिप्पणी गैर-जरूरी थी। हम इस मसले को सिंगापुर के समक्ष उठा रहे हैं.’ सूत्रों ने यह भी बताया कि इस मामले पर विदेश मंत्रालय की तरफ से सिंगापुर के दूत को समन कर भारत की आपत्ति से अवगत कराया गया।