पूर्वी लद्दाख में हिन्दुस्तान और चीन के बीच मई 2020 से जारी टकराव अब डिसइंगेजमेंट के साथ समाप्त होने की ओर बढ़ चुका है। पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के जवान भले ही पीछे हट रहे हों लेकिन इसके बाद भी हिन्दुस्तान, चीन पर विश्वास नहीं करना चाहता है। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर तनाव में कमी आने के बाद समंदर पर हिन्दुस्तान की नौसेना सतर्क है।
बीते कई दिनों हिन्द महासागर इलाके में इंडियन नेवी ने अपने सबसे बड़े युद्धाभ्यास को पूरा किया है। इस युद्धाभ्यास को ट्रॉपेक्स (TROPEX) नाम दिया गया है और इसे नौसेना की सबसे बड़ी वॉर एक्सरसाइज के तौर पर जाना जाता है। ट्रॉपेक्स का उद्देश्य चीन की किसी भी करतूत के लिए हर पल तैयार रहना है।
TROPEX यानी Theatre Level Operational Readiness Exercise, वह एक्सरसाइज है जिसका आयोजन हर साल होता है। फरवरी के आखिरी हफ्ते में ट्रॉपेक्स-21 का सफल आयोजन हुआ है। चीन निरंतर हिन्द महासागर क्षेत्र में घुसपैठ करता जा रहा है। इस ड्रिल के जरिए हिन्दुस्तान, पीएलए नेवी की बढ़ती मौजूदगी का जवाब देने के लिए रेडी हो रहा है।
इस अभ्यास की शुरुआत जनवरी से अप्रैल के बीच होती है और यह एक माह से ज्यादा समय तक चलती है। इस दौरान विशाल हिन्द महासागर क्षेत्र पर अलग-अलग तरह के वॉरगेम्स का आयोजन होता है। यह एक्सरसाइज सेनाओं की वह रणनीति है जिसका हिमें इंडियन आर्मी, भारतीय वायुसेना और कोस्ट गार्ड भी शामिल होते हैं।
इस युद्ध अभ्यास के जरिए आर्मी, वायुसेना और नौसेना के साथ ही तटरक्षक बल अपनी युद्धक क्षमताओं को परखते हैं। नेवी की तरफ से बताया गया कि थियेटर लेवल की इस एक्सरसाइज का उद्देश्य नौसेना की आक्रामक-रक्षात्मक क्षमताओं को परखना, तटीय सीमाओं पर राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा करना और हिन्द महासागर क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ाना है।
इस अभ्यास के दौरान मिसाइल्स से लेकर टॉरपीडो और रॉकेट्स को नौसेना की लीडिंग वॉरशिप्स, एयरक्राफ्ट और पनडुब्बियों से दागा गया था। नेवी ने अपने सबसे खतरनाक हथियारों का प्रदर्शन किया और हिन्द महासागर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी को पूरी ताकत के साथ दिखाया।