Indian Air Force Day 2024: आज 8 अक्टूबर को देश में 'वायुसेना दिवस' मनाया जाता है। भारतीय वायु सेना का गठन भारत और पाकिस्तान के विभाजन से पहले किया गया था। वायु सेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को अविभाजित भारत में औपनिवेशिक शासन के तहत की गई थी।
भारतीय वायु सेना ने द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लिया, जिसके लिए किंग जॉर्ज VI ने बल को 'रॉयल' उपसर्ग प्रदान किया। देश की आजादी से पहले वायुसेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स (आरआईएएफ) कहा जाता था। आज़ादी के बाद वायुसेना के नाम से 'रॉयल' शब्द हटाकर 'भारतीय वायुसेना' कर दिया गया।
जानें कब हुआ था भारतीय वायुसेना का गठ
भारतीय वायु सेना के पास 42 लड़ाकू स्क्वाड्रन की आधिकारिक ताकत है। फिलहाल वायुसेना के पास तय संख्या से 10 स्क्वाड्रन यानी 31 लड़ाकू स्क्वाड्रन हैं। इसमें सुखोई-30 के 12, जगुआर के छह, मिग-21 के चार, मिराज-2000 के तीन, मिग-29 के तीन, एलसीए के दो और राफेल के दो स्क्वाड्रन हैं। इसके अलावा वायुसेना के पास कई अन्य मालवाहक विमान, लड़ाकू हेलीकॉप्टर और AWOC विमान हैं।
ये लड़ाकू विमान हैं भारतीय वायुसेना की शान
सुखोई 30 एमकेआई को भारतीय वायुसेना की रीढ़ कहा जाता है। वायुसेना के पास 250 से अधिक ऐसे विमान उपलब्ध हैं। रूसी तकनीक से निर्मित यह विमान दिन हो या रात किसी भी मौसम में हमला करने में सक्षम है। इसे भारतीय कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने रूस के सहयोग से विकसित किया है। यह विमान ब्रह्मोस मिसाइल दागने में भी सक्षम है।
मिकोयांग मिग-29 रूस की मिकोयांग कंपनी द्वारा निर्मित मिग-29 विमान भारतीय सेना में अहम भूमिका निभाता है। वायुसेना में इनकी संख्या करीब 70 है. वायुसेना के साथ-साथ भारतीय नौसेना भी इस विमान का इस्तेमाल करती है।
जगुआर विमान का निर्माण ब्रिटिश और फ्रांसीसी दोनों कंपनियों द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है। इसे 1980 में भारतीय वायु सेना द्वारा अधिग्रहित किया गया था। इनमें से बड़ी संख्या में आज भी भारतीय सेना में हैं। यह विमान दुश्मन के इलाके में घुसकर हमला करने में माहिर है।
मिग-21 को 1960 के दशक में वायुसेना में शामिल किए जाने को लेकर काफी विवाद है, लेकिन वायुसेना को हमेशा इसकी क्षमताओं पर भरोसा रहा है। इसका इतिहास भी उतना ही गौरवशाली है. मिग-21 ने हर युद्ध में देश की रक्षा में अहम योगदान दिया है। इसी विमान से विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने फरवरी 2019 में पाकिस्तानी F-16 फाइटर जेट को मार गिराया था. यानी ये विमान आज भी दुश्मनों में खौफ पैदा करने में सक्षम है. वायुसेना के पास फिलहाल मिग-21 के तीन स्क्वाड्रन हैं। वह 2025 तक रिटायर हो जायेंगे।
तेजस भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया पहला स्वदेशी लड़ाकू विमान है। यह विमान अपनी श्रेणी में तकनीकी रूप से सबसे उन्नत विमानों में से एक है। इस विमान का निर्माण भारतीय कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड करती है। हाल ही में भारतीय वायुसेना ने कंपनी को 83 तेजस मार्क-1ए विमान बनाने का ऑर्डर दिया था। अब भी वायुसेना इसका इस्तेमाल करती है।
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