भारतीय वायुसेना फ्रांस से लेने जा रही है ये चीज, और शक्तिशाली हो जाएंगे विमान

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नई दिल्ली। समंदर में इंटेलीजेंस, सर्विलांस और परीक्षण के लिए अमेरिकी कंपनी से पिछले माह नौसेना ने दो सी-गार्जियन ‘अनआर्मड’ ड्रोन लीज पर लिये हैं। अब इसके बाद वायुसेना फ्रांस से छह एयर टू एयर रिफ्यूलर लीज पर लेने की तैयारी में है।
 
फ्रांसीसी सरकार ने पांच से सात साल पुराने छह एयरबस-330 मल्टी-रोल ट्रांसपोर्ट टैंकर विमानों को 30 साल की गारंटी के साथ लीज पर देने का प्रस्ताव रखा है। सरकार इस सौदे के प्रति गंभीर है क्योंकि अन्य प्रस्तावों की तुलना में यह फ्रांसीसी प्रस्ताव बहुत सस्ता है।
 
Indian Air Force

छह एयरबस 330 जेट बेचने की पेशकश की

फ्रांस ने अपने सौदे में छह एयरबस 330 जेट बेचने की पेशकश की है, जो लगभग पांच से सात साल पुराने हैं। ये जेट 30 साल की प्लेटफॉर्म लाइफ गारंटी के साथ आएंगे। जो भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना के जेट विमानों की स्ट्राइक रेंज का विस्तार करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे। 

दो फाइटर जेट को ईंधन भरने में सक्षम 

एयरबस-330 ईंधन भरने वाले बूम सिस्टम के कारण एक साथ दो फाइटर जेट को ईंधन भरने में सक्षम है। इस मल्टी-रोल विमान का उपयोग 260 यात्रियों को ले जाने के लिए भी किया जा सकता है और एयर-एम्बुलेंस के रूप में भी काम कर सकता है। शक्तिशाली इंजनों से लैस होने की वजह से एयरबस-330 लेह और लद्दाख जैसे उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी आसानी से उड़ान भरने में सक्षम है।
 
दरअसल, वायुसेना के पास वर्तमान में अपनी मध्य-वायु ईंधन भरने की जरूरतों को पूरा करने के लिए सात सात रूसी आईएल-76 एम रिफ्यूएलर्स हैं। इसलिए वायुसेना को लंबे समय से एयर टू एयर रिफ्यूलर की सख्त जरूरत है लेकिन बजट की कमी से यह आवश्यकता पूरी नहीं हो पा रही है। प्रति स्क्वाड्रन में एक रिफ्यूलर और प्रति स्क्वाड्रन में एक अवाक्स की आवश्यकता होती है। वायुसेना की मौजूदा 30 स्क्वाड्रन के हिसाब से 33 एयर टू एयर रिफ्यूलर और 33 अवाक्स की जरूरत है। अमेरिका के अलावा किसी भी देश के पास वित्तीय क्षमता नहीं है कि वह वास्तविकता में बदल सके।
 
फ्रांस से फाइटर जेट राफेल आने के बाद से एयर टू एयर रिफ्यूलर की जरूरत ज्यादा महसूस की जा रही है क्योंकि इनमें मध्य-हवा में ईंधन भरने की सुविधा है। फ्रांस से भारत आते समय राफेल फाइटर जेट्स में फ्रांसीसी वायु सेना के एयरबस ए-330 मल्टीरोल टैंकर विमानों की मदद से ही भूमध्य सागर के ऊपर मध्य-हवा में ईंधन भरा गया था। भारतीय नौसेना समंदर में इंटेलीजेंस, सर्विलांस और परीक्षण के लिए अमेरिकी कंपनी से पिछले माह दो सी-गार्जियन ‘अनआर्मड’ ड्रोन लीज पर लेने के बाद अब नेवल यूटिलिटी हेलीकॉप्टर और माइन काउंटर मेज़र वेसल्स लीज पर लेना चाहती है। 
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