नई दिल्ली॥ चीन और पाकिस्तान से एक साथ ‘टू फ्रंट वार’ के मद्देनजर इंडियन आर्मी ( Indian Army) आने वाले समय में पांच अलग-अलग प्रकार के टैंकों का इस्तेमाल करने की तैयारी में है।
हालांकि कई तरह के टैंक का इस्तेमाल करने से सेना के बजट पर अत्यधिक वित्तीय बोझ पड़ता है मगर ‘आधुनिक’ हो रही सेना अपने बेड़े के मौजूदा युद्धक टैंकों के भरोसे नहीं रहना चाहती। इंडियन आर्मी फिलहाल स्वदेशी टी-90एस ‘भीष्म’ और अर्जुन टैकों के दो वेरिएंट्स का इस्तेमाल करती है। अर्जुन टैकों के उन्नत संस्करण मार्क-1ए के बाद सेना भविष्य में अपनी युद्धक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए नई पीढ़ी के पांचवें ‘फ्यूचर टैंक’ खरीदना चाहती है। ( Indian Army)
इंडियन आर्मी ( Indian Army) वर्तमान में मुख्य युद्धक टैंकों के रूप में स्वदेशी टी-90एस ‘भीष्म’ और अर्जुन टैकों का इस्तेमाल करती है। रूस में भीष्म टैंक को टी-90एस के नाम से जाना जाता है मगर इंडियन आर्मी के बेड़े में शामिल होने के बाद इसका नामकरण ‘भीष्म’ कर दिया गया था। इन टैंकों का निर्माण रूस के सहयोग से चेन्नई में शुरू करके इसे कई अपग्रेडेड उपकरणों से लैस किया गया है।
भीष्म को और आधुनिक बनाने के लिए उन्नत तरीके के पुर्जे अब देश में ही बनाए जा रहे हैं। इस टैंक का वजन 46.50 टन है जबकि इसका इंजन 1000 ब्रीड हार्स पावर का है। इसमें तीन क्रू मेंबर यानी एक ड्राइवर, एक गनर और एक कमांडर सवार होते हैं। इस पर चार हथियार एपी, एचईएफ, एचआईटी व मिसाइल मौजूद हैं। पहले तीन हथियारों की मारक क्षमता डेढ़ से ढाई किलोमीटर तक जबकि मिसाइल की मारक क्षमता 5 किलोमीटर तक है। इस टैंक पर किसी भी तरह के केमिकल या बायोलॉजिकल हमले और रेडियोएक्टिव हमले का असर नहीं होता। ( Indian Army)
मौजूदा समय में सेना के पास अर्जुन टैंक की दो रेजिमेंट हैं, जिन्हें जैसलमेर में भारत-पाकिस्तान की सीमा पर तैनात किया गया है। अर्जुन टैंक का इस्तेमाल करने के दौरान सेना को कई तरह के अनुभव हासिल हुए। इनके आधार पर सेना ने इसके उन्नत वर्जन के लिए कुल 72 तरह के सुधारों की मांग की। इसके बाद डीआरडीओ ने सेना के सुझावों को शामिल करते हुए हंटर किलर अर्जुन एमके-1 टैंक तैयार किया। सेना ने 17 मई, 2010 को 124 अर्जुन एमके-1 टैंक का ऑर्डर दिया। ( Indian Army)
इसके बाद अर्जुन टैंक का मार्क-2 संस्करण कई सुधारों के बाद विकसित किया गया। 2012 में विकसित किये गए अर्जुन मार्क-2 को 2018 में अर्जुन मार्क-1ए नाम दिया गया। रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 23 फरवरी को 118 स्वदेशी अर्जुन मार्क-1ए टैंक खरीदने की मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 फरवरी को चेन्नई के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को पहला अर्जुन मार्क-1 ए टैंक सौंप दिया है। ( Indian Army)
अब अर्जुन मार्क-1ए टैंक के लिए 8379 करोड़ रुपये का ऑर्डर हेवी व्हीकल फैक्ट्री, अवाडी (तमिलनाडु) को दिया जाना है। सरकार से अनुबंध पर हस्ताक्षर होने के 30 महीनों के भीतर पांच एमबीटी का पहला बैच सेना को सौंप दिया जाएगा। अर्जुन एमके-1ए में पिछले मॉडल अर्जुन मार्क-1 टैंक के मुकाबले कुल 72 अपग्रेडेशन किए गए हैं, जिसमें 14 महत्वपूर्ण और 58 सूक्ष्म सुधार शामिल हैं। ( Indian Army)
रणनीतिक साझेदारी के तहत भारत में बनने वाले 1,770 फ्यूचर रेडी कॉम्बैट व्हीकल (एफआरसीवी) के लिए विदेशी आयुध कंपनियों को 01 जून को आरएफआई जारी किया गया है। इन टैंकों को चरणबद्ध तरीके से 2030 तक सेना में शामिल किया जाना है। दक्षिण कोरियाई कंपनी ऑर्डर मिलने पर ‘मेक इन इंडिया’ के तहत भारत में इन टैंकों का निर्माण करने के लिए तैयार है, जिसका रणनीतिक भागीदार बनने के लिए कई भारतीय कम्पनियां आगे आईं हैं। ( Indian Army)