नई दिल्ली। रेल यात्रियों के लिए खुश खबरि है। अब आपको टिकट कंफर्म करने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। अब चलती ट्रेन में वेटिंग या आरएसी टिकट को कंफर्म कराने के लिए टीटी से रिक्वेस्ट नहीं करना पड़ेगा। (Indian Railways) रेल मंत्रालय ने ट्रेनों और वेटिंग (विंडो टिकट) और आरएसी टिकट पर यात्रा करने वाले हजारों यात्रियों को बड़ी राहत दी है। दरअसल, रेलवे प्रीमियम, मेल और एक्सप्रेसव ट्रेनों के टीटी को हैंड हेल्ड टर्मिनल-एचएचटी देने जा रहा है। रेलवे कुछ स्टेशनों पर इसकी शुरुआत भी कर चुका है। बता दें कि ये एचएचटी डिवाइस के माध्यम से खाली बर्थ वेटिंग या आरएसी नंबर और श्रेणी के अनुसार अपने आप ही कंफर्म होती जाएंगी।
इंडियन रेलवे ने पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत कुछ प्रीमियम ट्रेनों (राजधानी, शताब्दी) में ड्यूटी करने वाले टीटी को एचएचटी डिवाइस दी थी। इससे यात्रियों को काफी राहत मिली और यात्रियों के वेटिंग या आरएसी टिकट चार्ट बनने के बाद चलती ट्रेन में ऑटोमेटिक ही कंफर्म हो गए और उनके मोबाईल पर मैसेज भी आ गए। अब इस प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद भारतीय रेलवे ने 559 ट्रेनों में टीटी को 5850 एचएचटी डिवाइस दे दी है। रेलवे की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार, धीरे धीरे प्रीमियम ट्रेनों के साथ सभी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में टीटी को ये डिवाइस दे दी जाएगी।
रेलवे बोर्ड के मुताबिक चलती ट्रेन में एक दिन में 523604 रिजर्वेशन हुए, जिसमें चलती ट्रेन में 242825 टिकट की जांच एचएचटी डिवाइस से की गयी। इस दौरान 18 हजार से अधिक आरएसी और नौ हजार से अधिक वेटिंग टिकट कंफर्म हुए जिससे यात्रियों को काफी राहत मिली। रेलवे मंत्रालय के अनुसार सामान्य दिनों में प्रतिदिन 12.5 लाख रिजर्वेशन होते हैं। ऐसे में अगर मेल, एक्सप्रेस ट्रेनों में एचएचटी डिवाइस से टिकटों की जांच की जाने लगेगी तो कंफर्म होने वाले टिकटों की संख्या बढ़ जाएगी।
आपको बता दें कि अभी काफी ट्रेनों में टीटी चार्ट लेकर टिकट की चेकिंग करते हैं. जिस बर्थ पर यात्री नहीं पहुंचता है, उसे मार्क कर वेटिंग या आरएसी को वाले को दी जाती है. लेकिन इसमें सीट अलोटिंग टीटी पर निर्भर करता है। कई मामले ऐसे आये हैं, जिसमें टीटी कंफर्म सीट करने करने के नाम पर सौदेबाजी कर लेते हैं। (Indian Railways)
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