Up kiran,Digital Desk : यह रहा भारत के बढ़ते व्यापारिक कदमों पर एक विस्तृत, सरल और आम बोलचाल की भाषा में लिखा गया आर्टिकल। यह कंटेंट आपको ऐसा महसूस कराएगा जैसे आप किसी जानकर से देश की तरक्की की बातें सुन रहे हैं।
आज यानी 26 नवंबर का दिन भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए काफी खास है। भारत आज से आधिकारिक तौर पर 'यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन' (EAEU) के साथ मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement) के लिए बातचीत की मेज पर बैठ गया है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी साझा की है, और यह खबर देश के छोटे व्यापारियों (MSME) से लेकर किसानों तक के लिए एक नए अवसर की तरह है।
आखिर यह 'यूरेशियन यूनियन' है क्या और इससे हमें क्या फायदा?
सरल शब्दों में समझें तो यह पांच देशों का एक समूह है, जिसका नेतृत्व रूस करता है। इसमें रूस के अलावा आर्मेनिया, बेलारूस, कजाखस्तान और किर्गिस्तान शामिल हैं। सोचिए, अगर यह डील पक्की हो जाती है, तो भारतीय सामान बिना किसी ज्यादा रोक-टोक और टैक्स के इन पांचों देशों के बाजारों में बिक सकेगा।
सरकार ने इसके लिए 18 महीने का टारगेट रखा है। इसका सबसे बड़ा फायदा हमारे देश के किसानों, मछुआरों और छोटे-मंझोले उद्योगों (MSME) को होने वाला है। उनके प्रोडक्ट्स को अब न केवल भारत में बल्कि इन ठंडे देशों में भी बड़ा बाजार मिलेगा।
रूस ही नहीं, अफ्रीका और अमेरिका पर भी नज़र
बात सिर्फ यहीं नहीं रुकी है। पीयूष गोयल ने बताया कि भारत सिर्फ एक जगह दांव नहीं लगा रहा, बल्कि दुनिया के हर कोने में अपने पैर जमा रहा है।
- अफ्रीका: भारत 'साउदर्न अफ्रीकन कस्टम्स यूनियन' (SACU) के साथ भी बात कर रहा है। इसमें दक्षिण अफ्रीका समेत 5 देश आते हैं। यह दुनिया का सबसे पुराना कस्टम्स यूनियन है।
- लैटिन अमेरिका: ब्राजील और अर्जेंटीना जैसे देशों के समूह (मर्कोसुर) के साथ भी व्यापार को बढ़ाने के लिए दूसरे चरण की बातचीत चल रही है।
- इजरायल: भारत और इजरायल के रिश्ते वैसे ही मजबूत हैं। जल्द ही हम इजरायल के साथ कृषि तकनीक (Agri-tech) और इनोवेशन को लेकर एक विशेष समझौते के लिए वर्चुअल मीटिंग करने वाले हैं।
मछुआरों के लिए यूरोप से आई 'गुड न्यूज़'
इस बीच एक बहुत बड़ी सफलता हमें यूरोप से मिली है, जिसका इंतज़ार पिछले 9 सालों से हो रहा था। अक्सर यूरोपीय देश भारतीय खाने-पीने की चीजों, खासकर मछली और समुद्री उत्पादों (Sea Food) पर क्वालिटी का हवाला देकर रोक लगा देते थे।
लेकिन भारत की मेहनत रंग लाई है। यूरोपीय संघ (EU) ने भारत की 102 मछली पालन और समुद्री प्रतिष्ठानों को मंजूरी दे दी है। यह एक बहुत बड़ी जीत है क्योंकि इससे भारत का सी-फूड अब यूरोप की डाइनिंग टेबल तक शान से पहुंच सकेगा।
दुनिया में मंदी, भारत में तेजी
सबसे सुकून देने वाली बात यह है कि जब पूरी दुनिया आर्थिक अनिश्चितता और मंदी के डर से जूझ रही है, तब भारत का एक्सपोर्ट (निर्यात) बढ़ रहा है। वस्तुओं का व्यापार हो या फिर सेवाओं (Services) का निर्यात, हम लगातार ऊपर चढ़ रहे हैं। पीयूष गोयल का यह बयान कि "देश का ग्राफ ऊपर जा रहा है", भारतीय बाजार में एक नया जोश भरने के लिए काफी है।
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