चीन के छक्के छुड़ाएगी ये मिसाइल, पाकिस्तान के जानी-दुश्मन के पास भी है ये हथियार

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नई दिल्ली॥ CHINA के साथ लद्दाख और अन्य सरहदों पर निरंतर चल रहे विवाद के बीच इंडियन एयर फोर्स ने अपनी 18वीं स्क्वॉड्रन को सक्रिय कर दिया है। इसका आदेश वायुसेना प्रमुख भदौरिया ने दिया है। उन्होंने सुलूर में स्थित 18वीं स्क्वॉड्रन में तैनात फ्लाइंग बुलेट्स यानी हल्के फाइटर प्लेन एलसीए तेजस को सक्रिय रहने के लिए कहा है। 18वीं स्क्वॉड्रन का ध्येय वाक्य है तीव्र और निर्भय। यानी दुश्मन से तेज और न डरने वाला।

Tejas Missile

इंडियन एयर फोर्स ने हल्के फाइटर प्लेन तेजस को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से खरीदा है। नवंबर 2016 में एयर फोर्स ने 50,025 करोड़ रुपए में 83 तेजस मार्क-1ए की खरीदी को मंजूरी दी थी। इस डील पर अंतिम समझौता करीब 40 हजार करोड़ रुपए में हुआ है। यानी पिछली कीमत से करीब 10 हजार करो़ड़ रुपए कम।

सेंटर फॉर मिलिट्री एयरवर्थनेस एंड सर्टिफिकेशन ने बीते वर्ष (2019) बेंगलुरू में एयरो इंडिया शो के दौरान तेजस को अंतिम परिचालन मंजूरी दी थी। इस दौरान तेजस की कई क्षमताओं की जांच कर उन्हें वायुसेना के लिहाज से उपयुक्त पाया गया था। इंडियन एयर फोर्स ने 40 तेजस खरीदने के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें से अब तक 18 तेजस इंडियन एय़र फोर्स को सौंपे जा चुके हैं। इनके लिए सुलूर में एक स्क्वॉड्रन बनाई गई है।

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आपको बता दें कि तेजस विमान पाकिस्तान और CHINA के संयुक्त उत्पादन थंडरबर्ड से कई गुना अधिक दमदार है। इंटरनेशनल लेवल पर जब तेजस की प्रदर्शनी की बात की गई थी, तब पाकिस्तान और CHINA ने थंडरबर्ड को प्रदर्शनी से हटा लिया था। ये बात है बहरीन अंतराष्ट्रीय हवाई शो की। तेजस चौथी पीढ़ी का प्लेन है, जबकि थंडरबर्ड मिग-21 को सुधारकर बनाया जा रहा है।

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