बीते 365 दिन यानि एक वर्ष में महंगाई के चलते फूड ऑयल से लेकर आटा, शक्कर, दाल और दूध आदि यहां तक की नमक ने भी जमकर जनता को ठगा है। इनके प्राइस इतने ज्यादा थे कि आम जनता के हाथ से घर का बजट फिसल गया और सालभर में जनता का तेल निकल गया. सरकार जरुरी चीजों की कीमतों को कम करने में असफल रही।
बढ़ती महंगाई पर भले ही बीते दो महीने से थोड़ी लगाम लगी हो पर बीते वर्ष की तुलना में इसकी आग बुझने की जगह और भड़की है। स्थिति यह है कि बीते वर्ष 2021 के फरवरी के मुकाबले इस बरस जरुरी चीजों की कीमतों में सबसे ज्यादा उछाल सरसों के तेल में आई है।
दरअसल, सात फरवरी को भारत में सरसों तेल की औसत प्राइस 143.21 रुपए प्रति किलो थी, जो 7 फरवरी 2022 को 32.09 % महंगी होकर 189.16 रुपए पर पहुंच गई।
जानकारी के मुताबिक, बीते सात फरवरी के मुकाबले टमाटर की औसत कीमत अब 23.49 % उछल कर 28.18 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई है। हालांकि, इस अवधि में प्याज 14.2 % सस्ता हुआ है और आलू 5.13 % महंगा। फूड ऑयल में वनस्पति 22.51 % महंगा हुआ है तो सोया तेल 17.77 %। सूरजमुखी तेल एक साल में 142 से 160 रुपये पर पहुंच गया। पाम तेल भी 15.66 % चढ़कर 112.02 से 129.56 रुपये पर पहुंच गया।
इस अवधि के दौरान गुड़ 4.86 % महंगा हुआ तो चीनी भी 4.73 %। चावल ने भी थोड़ी राहत दी। चाय पत्ती, दूध, नमक, गेहूं के भी भाव बढ़ गए। सस्ती होने वाली चीजों में अरहर दाल, उड़द, मूंग और मसूर की दाल रही।