अभी तक नींबू के ही दाम आसमान छू रहे थे लेकिन अब ‘टमाटर’ ने भी नींबू से रेस लगानी शुरू कर दी है। नींबू के बाद टमाटर के दामों में भी जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। बताया जा रहा है कि भीषण गर्मी की वजह से राजस्थान और गुजरात में टमाटर का उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। यही वजह है कि सब्जी की कीमतों में एक बार फिर से तेजी आ गई है। टमाटर की बढ़ी कीमतें से गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों परेशान कर सकती हैं।
टमाटर के महंगे होने को लेकर थोक और खुदरा सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि इस गर्मी के सीजन में टमाटर की कीमतें पिछले वर्षों की तुलना में लगभग 400 फीसदी अधिक उछली हैं। इस महंगाई का असर मध्यम वर्गीय परिवारों के बजट पर पड़ रहा है। हालांकि पश्चिमी और मध्य उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कुछ इलाकों से नई फसलें दिल्ली में पहुंचने लगी हैं जिससे उम्मदी जताई जा रही है कि टमाटर की क़ीमतोंमे जल्द ही गिरावट देखने को मिलेंगी।
एशिया की सबसे बड़ी सब्जी और फल मंडी आजादपुर के डीलरों का कहना है कि वर्तमान समय में टमाटर की आवक घटकर लगभग एक तिहाई रह गई है। यही वजह है कि कीमतों में बेहताशा उछाल आया है। आजादपुर, गाजीपुर और ओखला मंडी में, 2020 और 2021 में टमाटर 4 से 7 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिके थे लेकिन इस साल टमाटर की कीमतें इस महीने की शुरुआत में 42-45 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई थीं लेकिन अब 28-32 रुपये हैं प्रति किग्रा हैं।
खुदरा बाजार में इस साल टमाटर 65-80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है, जबकि बीते साल
यानी 2020 और 2021 में मई महीने में इसकी कीमत महज 12-18 रुपये प्रति किलो थी।