Officer Bitiya को देख गर्व से चौड़ा हुआ इंस्पेक्टर पिता का सीना, ऐसे किया सैल्यूट

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हर पिता को अपनी बेटी पर नाज होता है, लेकिन जब बेटी बड़ी अफसर (Officer Bitiya) बन जाये तो पिता का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। कुछ ऐसे ही नजारा देखने को मिला भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की पासिंग आउट परेड में। जब यहां तैनात एक इंस्पेक्टर पिता ने अपनी सहायक कमांडेंट बेटी को सभी के सामने सैल्यूट किया। जी हाँ भारत-तिब्बत सीमा पुलिस में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत कमलेश कुमार के जीवन में रविवार का दिन सबसे अनमोल था, इस दिन को वह कभी भी नहीं भूल सकते।

UTTRAKHAND - Officer Bitiya

दरअसल इस दिन इंस्पेक्टर कमलेश की बेटी दीक्षा भारत-तिब्बत सीमा पुलिस में शामिल होने वाली दो महिला अधिकारियों में से एक है। अफसर बनने के बाद जब उनकी बेटी दीक्षा (Officer Bitiya) उनके सामने पहुंची तो उन्होंने उसे सैल्यूट किया और अपनी बेटी पर गर्व किया। पिता और बेटी के इस खास पल को आईटीबीपी ने सोशल मीडिया पर साझा किया है। इस तस्वीर को शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन में लिखा कि, “इंस्पेक्टर कमलेश कुमार ने दिल को छू लेने वाली तस्वीर में अधिकारी बेटी को किया सलाम ….।” बेटी और पिता के खास पल को देखकर वहां मौजूद सभी लोग गर्व महसूस कर रहे थे। वहीं दीक्षा के पिता के चेहरे की मुस्कुराहट बेटी पर उनके गर्व को प्रदर्शित कर रही थी।

मालूम हो कि इस पासिंग आउट परेड के मुख्य अतिथि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रहे। साथ ही आईटीबीपी के महानिदेशक एस एस देसवाल के अलावा 2 महिला अधिकारियों प्रकृति और दीक्षा के कंधों पर सहायक कमांडेंट का बैच लगाया। इस दौरान सभी अधिकारियों ने देश की सेवा और रक्षा करने की शपथ ली। पासिंग आउट की परेड के बाद दीक्षा ने बताया कि वह शुरू से ही फील्ड जॉब करना चाहती थी। ऐसे में उन्होंने आईटीबीपी का चुनाव किया। (Officer Bitiya)

उनके पिता कमलेश कुमार ने भी इसके लिए उन्हें प्रेरित किया। दीक्षा ने वर्ष 2018 संघ लोक सेवा आयोग की सेंट्रल आर्म्ड पुलिस बल की परीक्षा दी थी। इसके बाद साल 2019 में इस परीक्षा का रिजल्ट आया। इसके बाद 2020 में मसूरी में उनकी ट्रेनिंग आरंभ हुई। दीक्षा ने के मुताबिक उन्होंने दिल्ली की केंद्रीय विद्यालय से कक्षा 7 तक पढ़ाई की थी। इसके बाद में कक्षा आठ से 11वीं तक केंद्रीय विद्यालय लवासना मंसूरी में पढ़ी। इसके बाद उन्होंने कक्षा 12वीं की पढ़ाई केंद्र विद्यालय इंडियन मेडिकल अकैडमी देहरादून से पूरी। (Officer Bitiya)

इसके बाद उन्होंने साल 2011 और 2015 तक पीटीए एनआईटी श्रीनगर गढ़वाल उत्तराखंड से कंप्यूटर साइंस किया। फिर वह चेन्नई की एक कंपनी में नौकरी करने लगी लेकिन प्राइवेट नौकरी में दीक्षा खुद को असहज महसूस कर रही थी। जिसकी वजह से उन्होंने 2017 में नौकरी को छोड़कर दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी करना शुरू कर दी। दीक्षा (Officer Bitiya) ने बताया उनकी मां उषा रानी ग्रहणी है और उनका छोटा भाई निखिल कुमार बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। दीक्षा की सफलता से उनके माता-पिता और पूरा परिवार बहुत खुश है और उनकी सफलता में उनके परिवार ने हमेशा साथ दिया।

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