International news: पाकिस्तान भले बाढ़ से बदहाल हो और आर्थिक कंगाली की कगार पर हो, लेकिन उसके नेताओं का कश्मीर का मोह खत्म नहीं हो रहा है। वोटों की राजनीति के कारण उन्हें कश्मीर ही देश का सबसे बड़ा मुद्दा नजर आता है। अब पाक विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने अपनी न्यूयॉर्क यात्रा में फिर कश्मीर मुद्दा उठाया, जबकि इससे ज्यादा जरूरी पाकिस्तान के बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए विश्व समुदाय से गुहार लगाना था। भुट्टो ने कश्मीर मुद्दा उठाते हुए यहां तक कह दिया कि उन्हें भारत-पाक रिश्तों में सुधार के कोई संकेत नजर नहीं आ रहे।
जरदारी से पूछा गया कि पाकिस्तान में बाढ़ के हालात के बीच भारत से रिश्ते सुधरने की क्या संभावना है? जरदारी ने कहा कि उन्हें फिलहाल इसकी कोई संभावना नजर नहीं आती। भारत ने भी बाढ़ पीड़ितों की मदद की कोई पेशकश नहीं की है।
न्यूयॉर्क में काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशंस के एक कार्यक्रम को संबोधित करने के बाद सवाल-जवाब सत्र के दौरान भुट्टो ने यह बात कही। उनसे पूछा गया कि पाकिस्तान में बाढ़ के हालात के बीच भारत से रिश्ते सुधरने की क्या संभावना है? जरदारी ने कहा कि उन्हें फिलहाल इसकी कोई संभावना नजर नहीं आती। भारत ने भी बाढ़ पीड़ितों की मदद की कोई पेशकश नहीं की है।
हमने शांतिपूर्ण माहौल की पहल की, भारत मूलभूत रूप से बदल गया
पाक विदेश मंत्री ने कहा कि जहां तक मेरी पार्टी और मेरे पीएम की पार्टी का संबंध है, तो हमने भारत के साथ शांतिपूर्ण माहौल बनाने की कोशिश की है और हमने भारत के साथ बातचीत की सतत पैरवी की है, लेकिन भारत मूलभूत रूप से बदल चुका है। जरदारी संयुक्त राष्ट्रमहासभा के सत्र में भाग लेने के लिए न्यूयॉर्क आए हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का भारत के साथ जुड़ना अविश्वसनीय रूप से मुश्किल हो गया है।
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