पहली बार तालिबानी जज का इंटरव्यू, बताया अफगानिस्तान का कानून, दोषियों के काटे जाते हैं ये अंग

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अफगानिस्तान में तालिबान की ताकत बढ़ने के साथ ही इससे जुड़े क्रूर कानून भी लौट आए हैं। तालिबानी शासन के तहत लोगों को किन नियमों का पालन करना पड़ता है? नए नियमों का उल्लंघन करने पर उन्हें क्या सजा दी जाएगी? इस बारे में 38 वर्षीय तालिबान जज गुल रहीम ने एक जर्मन अखबार को दिए इंटरव्यू में बताया है।

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नए नियमों के अनुसार, चोरी के परिणामस्वरूप हाथ और पैर का विच्छेदन होगा, समलैंगिकता को अपराध मानते हुए आरोपी पुरुषों को ऊंची दीवार से गिरकर मारना होगा। इसके अलावा महिलाओं के घर से अकेले बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई है। आइए जानते हैं कि तालिबानी शासन के तहत लोगों का जीवन कैसा होगा और नए नियमों पर एक नजर डालते हैं।

अपराध के आधार पर तय होती है सजा

तालिबान जज गुल रहीम ने एक इंटरव्यू में बताया कि शरिया कानून के तहत कई मामलों में हम पत्थर मारकर मौत का आदेश देते हैं। इसके अलावा कुछ मामलों में अपराधी के घुटने काटने की सजा भी दी जाती है। उन्होंने कहा कि सजा आरोपी के अपराधी पर निर्भर करती है। जो भी अपराध करता है उसे उसी तरह दंडित किया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी सेना के देश छोड़ने के बाद हमारा पहला लक्ष्य पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा करना और फिर पूरे देश में सख्त शरिया कानून लागू करना है।

चोरी के लिए काटे हाथ

इस्लामिक जज गुल रहीम ने कहा है कि बीते दिनों एक शख्स घर में चोरी करते पकड़ा गया था। हमने शरिया कानून के तहत उसके हाथ काटने का आदेश दिया था। उसके हाथ काट दिए गए हैं। अंगूठी के मालिक से पूछा गया कि क्या चोर की टांगें भी काट देनी चाहिए। इस पर घर के मालिक ने बनाया। इसके बाद केवल चोर के हाथ काट दिए गए।

अपहरण के लिए मौत की सजा

एक फैसले के बारे में बात करते हुए तालिबान जज गुल रमीम ने कहा कि कुछ दिन पहले एक गिरोह पकड़ा गया था। यह गिरोह अपहरण और तस्करी करता था। उन्होंने सभी आरोपों को फांसी देने का आदेश दिया। सजा की बात करते हुए उन्होंने कहा कि हम अपराध के आधार पर सजा देते हैं। चलो उंगलियों से शुरू करते हैं। सबसे पहले उंगलियां काटी जाती हैं। अपराध ज्यादा हो तो हाथ-पैर काट दिए जाते हैं।

महिलाओं का घर से बाहर निकलना मना है

महिलाओं को लेकर तालिबान जज ने कहा है कि महिलाओं के अकेले घर से बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई है। अब महिलाएं घर से अकेली नहीं निकल सकतीं। अगर वह बाहर है तो उसके साथ उसका पति, पिता या भाई होना चाहिए। अब लड़कियां स्कूल जा सकती हैं। लेकिन स्कूल में सभी शिक्षक महिलाएं होनी चाहिए। स्कूल के अंदर सभी के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य होगा।

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