विडंबना : 4 साल का मासूम गया मंदिर तो गांव वालों ने परिवार को दे दिया ये बड़ा दंड

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बेंगलुरु। आज हम भले ही इंटरनेट के युग में जी रहे हैं और छोटे-बड़े , ऊंच नीच के भेदभाव के खत्म होने का दम भरते हैं लेकिन सच तो यह हैं कि आज भी बहुत सी ऐसी जगह हैं जहां भेदभाव की खबरें सुनने और पढ़ने को मिल जाती हैं। ताजा मामला कर्नाटक का है। यहां दलित परिवार के एक चार साल के बच्चे का जन्मदिन था। वह इस मौके पर पूजा करने के लिए मंदिर चला गया। हालांकि उसे यह नहीं रहा होगा कि उसके ऐसा करने पर उसके पिता को आर्थिक दंड मिल जायेगा।

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दरअसल, कर्नाटक के कोप्पल स्थित मियापुरा गांव में एक दलित व्यक्ति के 4 साल के बेटे के जन्मदिन पर मंदिर में प्रवेश करने पर 25,000 रुपये जुर्माना लगाया गया। इस साथ ही मंदिर परिसर को सैनिटाइज करने के लिए 10,000 रुपये का और भुगतान करने को कहा गया है। हालांकि, जैसे ही इसकी सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को मिली तो कार्रवाई भी की गई।

गौरतलब है कि ऐसा ही एक मामला हाल ही में बंगाल में भी आया था। यहां विश्व भारती विश्वविद्यालय (वीबीयू) के एक छात्र ने आरोप लगाया था कि एक प्रोफेसर ने उसके साथ बातचीत करने से इनकार कर दिया और उसे “अशुद्ध” कहा। सोमनाथ सो के आरोपों के आधार पर पुलिस ने प्रोफेसर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था।

सोमनाथ सो ने मीडिया को बताया कि शांति निकेतन के स्यांबती इलाके में एक चाय की दुकान पर उसकी मुलाकात प्रोफेसर सुमित बसु से हुई। सोमनाथ कि मुताबिक उस समय बसु ने मुझे दलित कहा और कहा कि वह मुझसे बात नहीं करना चाहते। एक रिपोर्ट के मुताबिक सोमनाथ ने अपने शिकायत पत्र में कहा कि प्रोफेसर ने उससे कहा था कि अगर वह अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय के किसी व्यक्ति से बात करेंगे तो वह अपना सम्मान खो देंगे।

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