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छत्तीसगढ़ के पड़ोसी मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पीएम मोदी ने कहा कि संविधान के अनुसार समान नागरिक संहिता देश के लिए जरूरी है, मगर छत्तीसगढ़ में बीजेपी खुलकर बात करने से कतरा रही है. वह कन्फ्यूजन में है. वहीं कांग्रेस इसे सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी पर हिंदू-मुसलमानों को बांटने की पहल का आरोप लगा रही है.

बीते माह जब प्रधानमंत्री भोपाल आए थे तो उन्होंने सभी के लिए समान कानून संहिता की वकालत की थी और इसे संवैधानिक भी बताया था. इसके बाद सभी राजनीतिक दलों की ओर से देशव्यापी प्रतिक्रियाएं आईं। बीजेपी की ओर से भी नेताओं के बयान आये, मगर छत्तीसगढ़ के बीजेपी नेता इस मामले में ज्यादा मुखर नहीं हैं. पार्टी के नेताओं का कहना है कि पहले मसौदा तो सामने आने दीजिए.

यूसीसी को लेकर राज्य के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि अगर ऐसा कानून लाना है तो सभी को साथ लेना होगा, क्योंकि अलग अलग वर्गों और समाजों की अपनी-अपनी परंपराएं होती हैं. मुस्लिम समाज का ध्रुवीकरण कर वोट बांटने की एक और बड़ी कोशिश की जा रही है. यह समय समान नागरिक संहिता का नहीं है. हमारा समाज अभी भी उस मानसिक स्थिति तक नहीं पहुंचा है जिसमें देश के सभी नागरिक अपनी पारंपरिक प्रथाओं को छोड़कर कानून और खुद को एक कानून में बांध लें। अभी मेरी राय में देश और पूरे देश के नागरिक यूसीसी के लिए तैयार नहीं हो सकते हैं।

 

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