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राजस्थान की सियासत में हाइवोल्टेज ड्रामा जारी है। काँग्रेस आलाकमान के लिए राजस्थान की सत्ता बचाना अब मुश्किल बन गया है। इसकी वजह पिछले ढाई सालों से चली आ रही अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तनातनी है।

कुर्सी को लेकर पायलट और गहलोत के बीच नाराजगी जारी है। यही दोनों के बीच लंबे अर्से से मनमुटाव की वजह भी है। काँग्रेस आलाकमान के समझाने के बावजूद अभी तक ये सियासी थमा नहीं है।

जबकि विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है। अगर यही हाल रहा तो राजस्थान काँग्रेस में दो फाड़ होना निश्चित है।

सूत्रों के हवाले से अब बड़ी खबर आ रही है कि इन दिनों सचिन पायलट की नाराजगी बढ़ गई है। पायलट जयपुर में अपना सरकारी बंगला खाली करने का मन बना चुके हैं। नए बंगले की तलाश जोरों से चल रही है।

माना जा रहा है कि पायलट पार्टी के अंदर चल रही गतिविधियों से सीधे तौर से नाराज है। उधर राजस्थान चुनाव को लेकर कांग्रेस आलाकमान अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ आने की बैठक करने वाली है।

इससे पहले सचिन पायलट के तीखे तेवर कुछ अलग ही संकेत दे रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि सचिन पायलट को चुनाव से पहले नहीं मनाया गया तो वो पार्टी के लिए एक बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। उसकी वजह है सचिन पायलट के युवा तबके में गहरी पैठ।

राजस्थान में युवाओं का एक बड़ा तबका है जो सचिन पायलट के समर्थन में है और उन्हें राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री बना देखना चाहता है। सचिन पायलट भी युवाओं के मुद्दों को ध्यान में रख गहलोत सरकार को घेरने में लगे हुए हैं।

ऐसे में माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में सचिन पायलट ने अगर बागी तेवर अपनाए तो वो गहलोत को भारी नुकसान पहुँचा सकते हैं।

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