Nawab Malik को मिला सबसे बड़ा झटका, राहत मिलने की उम्मीद हुई खत्म

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नई दिल्ली, 22 अप्रैल। सुप्रीम कोर्ट ने नवाब मलिक को बड़ा झटका दिया है। पीएमएलए के तहत प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने मलिक की याचिका खारिज कर दी है।

Nawab Malik

नवाब मलिक ने बॉम्बे हाईकोर्ट के एक आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी। सुनवाई की शुरुआत करते हुए सिब्बल ने कहा 1993 में हुई घटना के लिए वे मुझे 2022 में कैसे गिरफ्तार कर सकते हैं, जहां मैं बिल्कुल भी नहीं हूं? न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा आप सक्षम अदालत में जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस स्तर पर हम बिल्कुल भी हस्तक्षेप नहीं करेंगे।

सिब्बल ने कहा 41ए नोटिस नहीं है। गिरफ्तारी अवैध है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने इसपर कहा यह हमारे लिए हस्तक्षेप करने के लिए बहुत प्रारंभिक अवस्था है। सिब्बल ने कहा विशेष अदालत मुझे 5000 पेज की चार्जशीट दायर करने के साथ जमानत नहीं देने जा रही है। कोई प्रथम दृष्टया मामला नहीं है। कोई विधेय अपराध नहीं है। पीएमएलए कैसे लगाया जा सकता है? अर्नब गोस्वामी का फैसला मेरे पक्ष में है।

आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को धन शोधन मामले में महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ पांच हजार पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया। आरोपपत्र में 50 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं। अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से संबंध धन शोधन मामले में एनसीपी नेता को 23 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। वह अभी न्यायिक हिरासत में है।

आरोपपत्र में कहा गया है कि एजेंसी ने मलिक के बेटों और भाई कप्तान मलिक को कई बार तलब किया, लेकिन वे पेश नहीं हुए। वहीं, ईडी के वकीलों ने बताया कि अदालत की रजिस्ट्री में आरोपपत्र दाखिल किया गया है। धन शोधन रोकथाम कानून के मामलों की विशेष अदालत दस्तावेजों के सत्यापन के बाद आरोपपत्र पर संज्ञान लेगी। पिछले हफ्ते ईडी ने इस मामले में मलिक और उनके परिवार की संपत्तियों को कुर्क किया था।

मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा दाऊद और उसके सहयोगियों के खिलाफ हाल में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है। मलिक पर भगोड़े दाऊद के सहयोगियों हसीना पारकर, सलीम पटेल और सरदार खान के साथ मिलकर एक संपत्ति को हड़पने के लिए एक आपराधिक साजिश रचने का आरोप है। इस पैसे का इस्तेमाल आतंक के वित्तपोषण में किया गया।

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