क्या कंगना उठा रहीं मौके का फायदा या फिर कोई सियासी साजिश का बन रही हिस्सा!

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बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रानौत अपने बेबाक और कई बार बेतुके बयान के लिए हमेशा ही चर्चा में बनी रहती है, वहीँ कई बार उनको पब्लिक का समर्थन मिलता है, तो कई मौके पर उनको फजीहत भी झेलनी पड़ जाती है. लेकिन इस बार कंगना का पलड़ा भारी है या फिर यूँ कहे कि एक्ट्रेस के सितारे अभी गर्दिश में है. कंगना का हर दांव एकदम सटीक जगह पर बैठ रहा है, लेकिन कई बार जब सब कुछ अच्छा-अच्छा होने लगे तो अपने रास्ते पर एक नज़र फेर लेनी चाहिए.

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क्या है कंगना की ‘कंट्रोवर्सी”

कंगना, बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के मौत के मामले में खुलकर मैदान में उतर चुकीं थी, जब तक ये मामला सीबीआई को नहीं दिया गया, तब तक कंगना लगातार ट्विटर से मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार को घेरने में जुटी थी, हालांकि कंगना जांच सीबीआई को मिलने के बाद भी नहीं रुकी और लगातार ट्वीटरिया बयान देती रहीं. जिसके बाद से ही कंगना के बयानों को शक की नज़र से देखा जाने लगा और इसके पीछे के राजनीतिक मकसद को भी लोग खंगालने लगे.

विवाद की भयंकर शुरूआत उस वक़्त हुई, जब कंगना ने मुंबई की तुलना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से कर दी और इसकी वजह उन्होंने ये बताई कि शिवेसेना के नेता संजय राउत ने उनको एक ‘हरामखोर लड़की’ बोला है. जिस पर संजय राउत ने सफाई देते हुए कहा की उन्होंने ऐसे कोई शब्द का प्रयोग नही किया है. लेकीन अगर मान भी लिया जाये की संजय ने कंगना के लिए इस तरीके से बोला है, तो भी क्या कंगना को ऐसा क्या महसूस हो गया की उनको मुंबई POK जैसी महसूस होने लगी.

क्या मौके का फायदा उठा रही कंगना

सुशांत की मौत की जांच सीबीआई से कराने के की मांग तक कंगना का समर्थन सबको समझ आ रहा था, लेकिन जब केस की जांच सीबीआई को सौंप दी गई, तो भी कंगना का ऐसा रुख बरकरार रहना, साफ़ किसी और मकसद की तरफ इशारा कर रहा है, इसकी पुष्टि ऐसे भी की जा सकती है की सुशांत के पिता के वकील ने भी कंगना को मौके फायदा उठाने वाला बताया था.

कई राजनीतिक विशेषज्ञ ये भी मानते है कि कंगना इस मुद्दे को बरकार रखते हुए सुविधाओं का लाभ उठाने और भविष्य के लिए अपन राजनीतिक मैदान तैयार कर रही हैं. जो होता हुआ भी साफ़-साफ़ दिख रहा है. कंगना को Y+ सिक्योरिटी मिलना ये दिखता है कि आने वाले दिनों में एक्ट्रेस के लिए भारतीय जनता पार्टी के रास्ते खुले हुए हैं और माना जा रहा है कि कंगना के ज़रिये ही महाराष्ट्र में एक सियासी दांव- पेंच शुरू किया जायेगा.

कंगना का राजनीतिक प्रयोग!

अगर देखा जाए तो सुशांत की मौत के बाद से कंगना के तरफ से दिए जा रहे लगातार बयान से महाराष्ट्र की राजनीती में थोड़ी हलचल हुई है, जिसका फायदा भारतीय जनता पार्टी ने उठाने की भी कोशिश की, लेकिन कंगना के POK वाले बयान के बाद से ही पासा पलट गया और कई बीजेपी नेताओं ने अपने पैर खींचते हुए दिखें, हालांकि इसके बावजूद कंगना के समर्थन में अभी भी कई नेता खड़े हुए दिख रहे है, लेकिन इसका मकसद केवल अपना राजनीतिक हित साधना हुआ नज़र आ रहा है, जो बाद में चल कर कंगना के लिए ही घातक साबित हो सकता है.

अहराज़ अहमद 

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