क्या अब इन दो देशों में होने जा रही जंग? हाई अलर्ट मोड पर रखा गया एयर डिफेंस सिस्टम

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ताइपे, 18 अप्रैल। यूक्रेन के वॉर जोन में रूस के खिलाफ अमेरिका की मौजूदगी दुनिया महसूस कर रही है। लेकिन भविष्य के हालातों के बारे में सोचकर घबरा रही है। लेकिन आशंकाओं को सच करने के लिए एक नया मोर्चा चीन ने खोल दिया है। यूक्रेन-रूस जंग की वजह से दुनिया के हालात बदल गए हैं, ज्यादातर मुल्क चाहते हैं कि युद्ध विराम हो ताकि न्यूक्लियर अटैक का खतरा टल जाए।

Ukraine Russia War

वहीँ चीन ने खतरे को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है। यूक्रेन के बाद ताइवान को वॉर जोन बनाकर अमेरिका से सीधे टकराव का नया मोर्चा खोला जा रहा है। अगर आने वाले दिनों में उकसावा और आक्रमकता कम नहीं हुई,तब इस मोर्चे पर जंग छिड़ने में देर नहीं लगेगी।

चीन ने कहा है कि ताइवान को अपने नियंत्रण में लाने के लिए बल प्रयोग करने की अपनी धमकी पर जोर देने के मकसद से उसकी सेना ने शुक्रवार को अभ्यास किया। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि ताइवान के पास पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पूर्वी थिएटर कमान द्वारा आयोजित सैन्य अभ्यास अमेरिका के हालिया नकारात्मक कार्यों के लिए जवाबी कार्रवाई है।

र्वी थिएटर कमान ने सैन्य अभ्यास को ताइवान जलडमरूमध्य में मौजूदा सुरक्षा स्थिति और राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा करने की आवश्यकता के आधार पर आवश्यक कार्रवाई बताया। बयान में कहा गया है, ताइवान चीनी क्षेत्र का अविभाज्य हिस्सा है। ताइवान के मुद्दे पर किसी भी विदेशी हस्तक्षेप के लिए कोई जगह नहीं है।

ताइवान पर चीनी कब्जे का वॉर प्लान सामने आया, तब वहां भी ड्रैगन की फौज पर पलटवार के लिए पूरी तरह तैयार नजर आया। जमीन हो या आसमान, पहाड़ हो या समुंदर ताइवान ने जिनपिंग की फौज को करारा जवाब देने के लिए हर जगह जबरदस्त तैयारी की है। ताइवान के एयर फोर्स और एयर डिफेंस सिस्टम हाई अलर्ट पर हैं। इसके साथ ही अमेरिकी से मिले पैट्रिट मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी तैनात कर दिया गया है। इसके साथ ही अपने एवेंजर्स मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी सक्रिय कर दिया है।

अमेरिका ने कहा है कि ताइवान पर चीन के हमले अमेरिका ताइवान का पूरा सहयोग करेगा और हर संभव मदद करेगा। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जेड तरार ने कहा कि अमेरिकी किसी भी सूरत में चीन का सहयोह युद्ध के लिए नहीं करेगा। अगर युद्ध होता है,तब अमेरिका ताइवान के साथ खड़ा रहेगा। उल्लेखनीय है कि अमेरिका लोकतांत्रिक द्वीप ताइवान का सबसे बड़ा अनौपचारिक सहयोगी है और उसने पिछले वर्षों में ताइवान को हथियारों की बिक्री बढ़ा दी है।
वहीं चीनी हमले की आशंकाओं के बीच अमेरिकी सांसदों ने ताइवान का दौरा किया है। ताइवान के दौरे पर आए अमेरिकी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने चीन को चेतावनी जारी कर स्व-शासित द्वीप में लोकतंत्र के लिए अपने समर्थन की सार्वजनिक घोषणा की। अमेरिका के छह सांसदों ने ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन से मुलाकात की। ताइवान की राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी सांसदों की यात्रा का स्वागत किया और उम्मीद जतायी कि इससे अमेरिका-ताइवान सहयोग को और प्रगाढ़ बनाने में मदद मिलेगी।

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