होगी खतरनाक जंग! इस्लामिक देशों का फ्रांस के खिलाफ बड़ा ऐलान, ये है बड़ा कारण

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फ्रांस और तुर्की के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। फ्रांस जहां इस्लामिक कट्टरपंथ पर लगाम लगाने की बात कर रहा है तो दूसरी ओर, तुर्की फ्रांस पर इस्लामोफोबिया को बढ़ावा देने का इल्जाम लगा रहा है। फ्रांस के प्रेसिडेंट इमैनुएल मैक्रों ने रविवार को ट्वीट किया कि उनका मुल्क कभी झुकेगा नहीं और शांति स्थापित करने के लिए सभी वैचारिक मतभेदों का स्वागत करता रहेगा।

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फ्रांस के एक स्कूल में स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति पर चर्चा के दौरान एक टीचर ने पैगम्बर मोहम्मद साहब का कार्टून दिखाया था। गम्बर मोहम्मद साहब का कार्टून दिखाने को लेकर शिक्षक की सिर काटकर हत्या कर दी गई थी।

मैक्रों ने हालिया भाषण में हमलावर को इस्लामिस्ट करार दिया था और कहा था किगम्बर मोहम्मद साहब के कार्टून को लेकर वो पीछे हटने वाले नहीं है। स्कूली शिक्षक की हत्या की घटना के बाद से ही फ्रांस में इस्लामिक कट्टरपन्थ को लेकर बहस और तेज हो गई है।

फ्रांस के प्रेसिडेंट ने दी ये सफाई

फ्रांस के प्रेसिडेंट मैक्रों ने अरबी लेंग्वेड में ट्वीट किया, हम कभी घुटने नहीं टेकेंगे। हम शांति कायम करने के लिए सभी तरह के विवादों का सम्मान करते हैं। हम नफरत फैलाने वाले बयानों को स्वीकार नहीं करेंगे। हम तार्किक बहस को संरक्षण देंगे और हमेशा मानवीय अधिकारों की ओर खड़े होंगे। मैक्रों ने इस्लामिक कट्टरपंथ की आलोचना करते हुए पैगम्बर मोहम्मद साहब के कार्टून प्रकाशित होने का मजबूती से बचाव किया।

तुर्की के प्रेसिडेंट ने दी ये सलाह

इस्लाम को लेकर चल रहे तानव के मध्य तुर्की के प्रेसिडेंट रेचेप तैय्यप एर्दवान ने फ्रांस के प्रेसिडेंट को मेंटल हेल्थ ट्रीटमेंट लेने की सलाह दी। इस टिप्पणी से नाराज होकर फ्रांस ने तुर्की से अपने राजदूत को वापस बुलाने का ऐलान कर दिया। दरअसल, मैक्रों ने टीचर की हत्या से पहले एक बयान में कहा था कि इस्लाम संकट में है जिसे लेकर तुर्की सहित कई इस्लामिक मुल्कों ने आपत्ति जताई थी। कई देशों ने फ्रांस के सामानों को त्याग करने को कहा गया है।

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