इसरो को मिली सबसे बड़ी कामयाबी, चांद पर महज इतनी दूरी पर ही है…किसी भी वक्त हो…

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नई दिल्ली ।। इसरो ने चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर के हाई रिजोल्यूशन कैमरे से चांद की खींची तस्वीरें जारी की है। इस हाई रिजोल्यूशन कैमरे ने चंद्रमा के सतह की तस्वीर भेजी है। इस तस्वीर में चंद्रमा के सतह पर बड़े और छोटे गड्ढे नजर आ रहे हैं।

चांद की अंधेरी सतह पर बेसुध पड़े चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम को लेकर फिर उम्मीद जगी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अपने सौर पैनलों की मदद से विक्रम फिर काम शुरू कर सकता है। दरअसल, चांद पर शनिवार से दिन की शुरुआत हो रही है।

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ऐसे में विक्रम को लेकर कोई अच्छी खबर आने की उम्मीद बढ़ गई है। वहीं, भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने कहा है कि चांद के आसमान में चक्कर लगा रहा चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर सोडियम, कैल्शियम, एल्युमीनियम, सिलिकॉन, टाइटेनियम और लोहे जैसे महत्वपूर्ण खनिज तत्वों का पता लगाने के लिए काम कर रहा है। इसरो के एक वैज्ञानिक ने बताया कि हालांकि अब विक्रम से संपर्क करना बेहद मुश्किल होगा, लेकिन कोशिश करने में कोई हर्ज नहीं है।

उनसे जब यह पूछा गया कि क्या चांद पर रात के समय बहुत ज्यादा ठंड में विक्रम सही सलामत रह सकता है, तो उन्होंने कहा, सिर्फ ठंड ही नहीं, बल्कि झटके से हुआ असर भी चिंता की बात है। हार्ड लैंडिंग के चलते विक्रम तेज गति से चांद की सतह पर गिरा होगा। इस झटके के चलते विक्रम के भीतर मौजूद उपकरणों को नुकसान पहुंच सकता है। चांद के चक्कर लगा रहे नासा के लुनर रिकॉनिएसेंस ऑर्बिटर ने जो तस्वीरें भेजी थीं, चांद पर रात होने के चलते उससे तस्वीरें साफ नहीं आ पाई थीं।

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