जयपुर: 6 साल की बच्ची को 8 साल बाद मिला न्याय, जज ने सुनाई सजा, फैसले में लिखी ये बात

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जयपुर। राजस्थान के जयपुर में छह साल की नन्हीं सी बच्ची मासूम से रेप के मामले में कोर्ट ने दोषी धर्मेंद्र के लिए फांसी का फंदा तैयार कर लिया है। जयपुर जिले के फागी तहसील क्षेत्र में 8 साल पहले अबोध बच्ची के साथ हुई इस हृदयविदारक घटना के दोषी को निचली अदालत की जज शिल्पा समीर ने यह सजा सुनाई है। अपने फैसले में महिला जज ने एक कविता भी लिखी है।

राजस्थान के जयपुर में छह साल की मासूम से रेप के मामले में कोर्ट ने दोषी धर्मेंद्र को फांसी की सजा सुनाई है। जयपुर जिले के फागी तहसील क्षेत्र में 8 साल पहले अबोध बच्ची के साथ हुई इस हृदयविदारक घटना के दोषी को निचली अदालत की जज शिल्पा समीर ने यह सजा सुनाई है। अपने फैसले में महिला जज ने एक कविता भी लिखी है।

अपने फैसले में जज ने लिखा है कि यह घटना ऐसी है, जिसको सोचकर एहसास निःशब्द हो जाते हैं, भावनाएं खामोश हो जाती हैं। पीड़िता की अव्यक्त असहनीय पीड़ा और उसकी आत्मा ने उस समय शायद यही कविता गाई होगी। जज ने कहा है कि एक नन्हीं सी बच्ची जिसने दुनिया भी नहीं देखी, उसके लिए तो जीवन मात्र खेल था।

उसके नन्हें शरीर को अभियुक्त की ओर से निष्ठुरता से रौंदकर कर निर्दयता से हत्या की गई है। उन्होंने कहा कि 6 साल की बच्ची से रेप बर्बरता की पराकाष्ठा का है। उस नन्हीं सी जान को अभियुक्त के कृत्य से कितनी पीड़ा हुई होगी उसकी कल्पना नहीं की जा सकती है। परिस्थितियों के तुलनात्मक अध्ययन से न्याय का पैमाना अभियुक्त के विरुद्ध झुकता है।

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