जमात-ए-इस्लामी हिंद (जेआईएच) की कर्नाटक यूनिट ने मुस्लिम छात्रों और पैरेंट्स से 75वें गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के मौके पर “सूर्य नमस्कार” में भाग नहीं लेने के लिए कहा है क्योंकि यह कार्यक्रम इस्लाम के खिलाफ है।
यूनिट अध्यक्ष डॉ. मुहम्मद साद बेलगामी ने मंगलवार को मीडिया को बताया कि, “सूर्य नमस्कार” इस्लाम के विरूद्ध है। हम अपने नबी के सामने सज्दा नहीं करते हैं और एक ईश्वर को मानते हैं, सिर्फ उसे ही सज्दा करते हैं। मुस्लिम छात्रों के लिए “सूर्य नमस्कार” की छूट नहीं है।
उन्होंने समझाया कि हम मुस्लिम माता-पिता व बच्चों को भी इस मूर्तिपूजा में भाग न लेने की सख्ती से सलाह देते हैं। लेकिन हम स्कूलों और संस्थानों के प्रशासन से इस विविधता का सम्मान करने का आग्रह करते हैं।
डॉ. साद ने बताया कि इस्लाम सख्ती से मना करता है कि केवल पूरे ब्रह्मांड के निर्माता (अल्लाह) के लिए सजदे की इजाजत है। मुसलमानों को पैगंबर मुहम्मद के प्रिय व्यक्तित्व को भी सज्दा करने की इजाजत नहीं है।
आपको बता दें कि मोदी सरकार ने 75वें गणतंत्र दिवस समारोह पर निर्देश जारी किया है कि देश भर में वाद्य यंत्रों के साथ “सूर्य नमस्कार” करने के लिए विशेष प्रोग्राम आयोजित किए जाएं। 30 प्रदेशों, तीस हजार संस्थानों में तीन लाख छात्रों को शामिल करके 75 करोड़ लोग “सूर्य नमस्कार” के लक्ष्य को प्राप्त करने की योजना है।